महाराष्ट्र के नासिक जिले के प्याज किसानों के लिए राहतभरी खबर है. अब प्याज की उपज को स्टोर करने के लिए उन्हें चिंता नहीं करनी पड़ेगी. साथ ही उपज की शेल्फ लाइफ भी बढ़ जाएगी, क्योंकि अब सोलर से चलने वाले मल्टीपर्पज कोल्ड स्टोरेज को बढ़ावा दिया जा रहा है. यह ज्यादा सस्ता और टिकाऊ भी है. इससे किसानों की कमाई बढ़ेगी.
दरअसल, नासिक जिले में पारंपरिक गोदामों में गर्मी, नमी और कीड़ों के कारण हर साल किसानों को प्याज खराब होने से भारी नुकसान होता है. इस समस्या को हल करने के लिए अब सोलर से चलने वाले मल्टीपर्पज कोल्ड स्टोरेज को प्राथमिकता दी जा रही है. माना जा रहा है कि इस आधुनिक तकनीक से प्याज के साथ-साथ सब्जियां और फल भी सुरक्षित रखे जा सकेंगे.
प्याज भंडारण पर बैठक आयोजित
द फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सहकारी विपणन विभाग के फैसले के अनुसार, राजगुरूनगर स्थित प्याज-लहसुन अनुसंधान केंद्र में प्याज भंडारण पर एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें महाराष्ट्र राज्य कृषि आयोग के अध्यक्ष पाशा पटेल भी मौजूद थे. बैठक में बताया गया कि यह तकनीक किफायती और प्रभावी समाधान है जिससे प्याज की शेल्फ लाइफ बढ़ाई जा सकती है. इन कोल्ड स्टोरेज में तापमान और नमी को कंट्रोल किया जाता है, जिससे खेती से जुड़ी चीजों की शेल्फ लाइफ (बिकने लायक समय) बढ़ जाती है. इससे किसान अपनी फसल को बाजार में अच्छे दाम मिलने तक स्टोर कर सकते हैं और जब दाम बढ़ें, तब बेचकर उचित लाभ कमा सकते हैं.
कम खर्च होती है बिजली
इन कोल्ड स्टोरेज की खास बात यह भी है कि ये सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) से चलते हैं, जिससे बिजली का खर्च कम होता है और ये पर्यावरण के अनुकूल (इको-फ्रेंडली) भी हैं. बैठक में किसानों से अपील की गई कि वे अब पारंपरिक भंडारण तरीकों को छोड़कर इस आधुनिक तकनीक को अपनाएं और सरकारी योजनाओं व सब्सिडी का लाभ उठाएं. सभी उपस्थित लोगों ने भरोसा जताया कि अगर ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी उन्नत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, तो कृषि को अधिक टिकाऊ और लाभदायक बनाया जा सकता है.
कीमत गिरने से किसानों को हो रहा नुकसान
बता दें कि महाराष्ट्र में प्याज की कीमतें गिरकर काफी कम हो गई हैं. ऐसे में किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. अभी मंडियों में प्याज 1300 रुपये क्विंटल से भी सस्ता हो गया है. ऐसे में किसान सरकार से आर्थिक सहायता की मांग कर रहे हैं. ऐसे में सोलर से चलने वाले मल्टीपर्पज कोल्ड स्टोरेज से किसानों को काफी फायदा होगा. वे अपनी फसल को ज्यादा समय तक कम खर्चे में स्टोर कर पाएंगे. साथ ही कीमत बढ़ने पर अपनी उपज बेचकर अच्छी कमाई भी कर सकते हैं.