हरियाणा में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा, CM सैनी की कीटनाशकों पर निर्भरता कम करने की अपील

हरियाणा में प्राकृतिक खेती और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार सक्रिय है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों से रासायनिक खाद का कम उपयोग करने की अपील की है.

नोएडा | Updated On: 27 May, 2025 | 02:25 PM

हरियाणा में प्राकृतिक खेती और पशुपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. सरकार को उम्मीद है कि उसकी इस कोशिश से किसानों को फायदा होगा और उनकी कमाई में बढ़ोतरी होगी. वहीं, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने और रासायनिक खाद व कीटनाशकों पर निर्भरता कम करने की अपील की. कुरुक्षेत्र के बिहोली गांव में सरकारी पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक का उद्घाटन करते हुए उन्होंने पर्यावरण और स्वास्थ्य पर टिकाऊ खेती के फायदों पर जोर दिया. साथ ही उन्होंने मथाना गांव में आधुनिक गौ-चिकित्सालय की नींव रखी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को फसलों में रासायनिक खाद और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग नहीं करना चाहिए. आने वाली पीढ़ियों के बेहतर भविष्य के लिए हमें प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि प्राकृतिक खेती से न सिर्फ मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी, बल्कि पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कुरुक्षेत्र के बिहोली गांव में विकास कार्यों के लिए 21 लाख रुपये की घोषणा की.

4.67 करोड़ की लागत से बना नया पशु चिकित्सालय

उन्होंने कहा कि 4.67 करोड़ रुपये की लागत से बना नया पशु चिकित्सालय आधुनिक सुविधाओं से लैस है, जिसमें पर्याप्त डॉक्टर, तकनीशियन और स्टाफ मौजूद रहेंगे. पशुपालन की चुनौतियों पर बात करते हुए सीएम ने कहा कि दुग्ध देने वाले पशुओं की कीमत लाखों में होती है, जिससे भूमिहीन और छोटे किसानों के लिए उन्हें पालना मुश्किल हो जाता है. इलाज का खर्च भी उन पर बोझ बनता है. इसलिए आज पशु चिकित्सा संस्थान पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गए हैं.

आधुनिक गौ-चिकित्सालय की नींव रखी

बाद में मथाना गांव में सैनी ने आधुनिक गौ-चिकित्सालय की नींव रखी और इसके निर्माण के लिए भी 21 लाख रुपये की घोषणा की. उन्होंने कहा कि सरकार ने गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘गौ संवर्धन योजना’ शुरू की है. इसके तहत राज्य का पहला बायोगैस प्लांट यमुनानगर में 90 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया जाएगा. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह नई सुविधा आवारा पशुओं की संख्या को कम करने और बीमार जानवरों के इलाज को बेहतर बनाने में मदद करेगी.

500 करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रावधान

उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में गौशालाओं के लिए 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रावधान किया गया है, जबकि 2014 से पहले यह राशि सिर्फ 2 करोड़ रुपये थी.
कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने भी मुख्यमंत्री की बात दोहराते हुए किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने और सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाने की अपील की.

Published: 27 May, 2025 | 02:23 PM