ICAR ने विकसित की सफेद प्याज की नई उन्नत किस्म, जानिए कितनी मिलेगी उपज

आईसीएआर के प्याज और लहसुन अनुसंधान निदेशालय ने एक नया प्याज का बीज विकसित किया है, जिसे 'भीमा सफेद' नाम दिया गया है.

धीरज पांडेय
Noida | Published: 25 Mar, 2025 | 04:12 PM

प्याज की खेती करने वाले किसानों के लिए भारतीय किसान अनुसंधान परिषद नई किस्म लेकर आया है. संस्थान ने अधिक उपज देने वाली प्याज की सफेद रंग वाली Onion DOGR-HT-3 नई किस्म को विकसित किया है. कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि इस प्याज में अन्य किस्मों की तुलना में मिठास अधिक होगी और यह गोल आकार का रहेगा. इसका रंग लाल की बजाय सफेद रहेगा. किसान इस किस्म की बुवाई से एक हेक्टेयर में 253 क्विंटल तक की पैदावार ले सकेंगे.

सफेद रंग की नई प्याज किस्म में खूब मिठास

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद  (आईसीएआर) के अनुसार प्याज की नई किस्म Onion DOGR-HT-3 को विकसित किया गया है. यह प्याज सफेद रंग की है. सफेद प्याज में रबी मौसम के दौरान कुल घुलनशील ठोस (टीएसएस) की मात्रा अधिक होती है, जो कि फसल की गुणवत्ता के लिए काफी अच्छी मानी जाती है. अन्य किस्मों की तुलना में इस सफेद किस्म में मिठास की मात्रा अधिक है, जो इसे और स्वादिष्ट बनाती है.

एक हेक्टेयर में मिलेगी इतने क्विंटल प्याज

आईसीएआर के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार यह Onion DOGR-HT-3 सफेद प्याज व्यापार के लिए काफी अच्छी मानी जाती है. यह किस्म अपनी अधिक उपज देने के लिए किसानों के लिए लाभदायक साबित होगी. बताया गया है कि इस किस्म की खेती से किसान एक हेक्टेयर में 253 क्विंटल तक की पैदावार हासिल कर सकते हैं. इस प्याज का रंग बल्ब की तरह सफेद होता है और इसका आकार चपटा ग्लोब जैसा होता है. इसे किस्म को रबी सीजन में बुवाई के लिए अनुकूल बताया गया है. प्याज के बल्ब में शर्करा के उच्च स्तर और गुणवत्ता को दर्शाता है.

सफेद प्याज किस्म की भीमा सफेद वैरायटी

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद  (आईसीएआर) के प्याज और लहसुन अनुसंधान निदेशालय ने प्याज का एक और बीज विकसित किया है. इस नई किस्म को  ‘भीमा सफेद’ नाम दिया गया है. ये प्याज की सफेद प्रजाति है, जिसे खासतौर पर छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान और तमिलनाडु में उगाया जा सकता है. इस प्याज के बल्ब सफेद रंग के होते हैं और आकार में गोल से लेकर अंडाकार होते हैं, जिनका वजन करीब 70-80 ग्राम होता है. यह प्याज 110-120 दिन में पकता है और इसमें 11-12% कुल घुलनशील ठोस (TSS) होते हैं, जिससे ये खाने के लिए भी अच्छा है और प्रसंस्करण के लिए भी.

इस किस्म की औसत उपज 185 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है और इसके बल्बों में 5% से कम डबल और बोल्टर होते हैं। यह प्याज रबी मौसम के लिए बहुत उपयुक्त है, यानी सर्दी में उगाने के लिए. अगर बात करें इसकी गुणवत्ता की, तो

प्याज की खेती करने का सही तरीका

अब बात करें प्याज की खेती की, तो यह किसी भी मिट्टी में हो सकता है, लेकिन सबसे अच्छा वह दोमट या चिकनी मिट्टी होती है, जो अच्छी जल निकासी और नमी धारण क्षमता रखती हो. इसके लिए मिट्टी का pH 6-7 के बीच होना चाहिए. प्याज की खेती तीन तरीके से की जा सकती है- पहला नर्सरी में बीज की बुवाई, दूसरा हरे प्याज के लिए छोटी गांठ का उत्पादन और तीसरी सीधी बुवाई की जाती है.

रोपाई से पहले जरूर कर लें ये काम

नर्सरी में प्याज की रोपाई से पहले बीजों का शोधन या उपचार करना जरूरी है. इसके बाद बीजों को कतार में 5-7.5 सेमी की दूरी पर बोना चाहिए और फिर हल्की सिंचाई करनी चाहिए. अगर आप हरे प्याज का उत्पादन करना चाहते हैं, तो छोटी प्याज की कंदों को बो सकते हैं, जो अगले सीजन में हरे प्याज की फसल देंगे. और अगर सीधी बुवाई की जाए, तो पंक्तियों के बीच 30 सेमी की दूरी रखनी चाहिए ताकि प्याज अच्छे से बढ़ सकें. तो यह प्याज की नई किस्म और खेती के तरीके आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकते हैं. इसे अपनाकर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

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