धान खरीदी में अब आएगी तेजी, चावल मिलर्स की मांगों पर सहकार हुई सहमत.. CM ने दिए निर्देश

AORMA के महासचिव लक्ष्मीनारायण दीपक रंजन दास ने कहा कि एसोसिएशन ने जिले के मिलरों से कहा है कि वे राज्य की सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन (OSCSC) के साथ समझौता करें. OSCSC सरकार की पेडा खरीद के लिए नोडल एजेंसी  है और यह मिलरों को धान की कस्टम मिलिंग के लिए जिम्मेदार करती है.

Kisan India
नोएडा | Published: 3 Dec, 2025 | 01:48 PM

Odisha paddy procurement: ओडिशा सरकार ने चावल मिलरों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है, जिससे नामित मंडियों से धान उठाने के मुद्दे पर बनी गई गतिरोध खत्म हो गई है. धान की खरीदी अभियान 25 नवंबर से शुरू होने के बावजूद मिलर शामिल नहीं हुए थे. इसके बाद खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्र ने सोमवार को लोक सेवा भवन में ऑल ओडिशा राइस मिलर्स एसोसिएशन (AORMA) और 30 जिलों के मिलरों के साथ बैठक की. AORMA के अध्यक्ष महेश बंसल ने कहा कि उन्होंने अपनी 9 में से 5 मांगें मंत्री के सामने रखीं. इनमें से दो मांगें तुरंत पूरी करने पर मंत्री सहमत हुए. खारिफ मार्केटिंग सीजन (KMS) 2023-24 और 2024-25 के कस्टडी और मेंटेनेंस चार्ज की रिलीज और परिवहन शुल्क 28 पैसे से बढ़ाकर 43 पैसे करने की मांग. अन्य मांगों के लिए मंत्री ने कुछ समय मांगा.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपरोर्ट के मुताबिक, मंत्री कृष्ण चंद्र पात्र ने कहा कि उन्होंने मिलरों की चार मांगों को तुरंत पूरा करने का आश्वासन दिया है. मिलरों की मुख्य मांग कच्चे और उबले चावल के कस्टम मिलिंग  चार्ज बढ़ाने की थी. उन्होंने कहा कि अगले दो-तीन दौर की बैठक के बाद सभी मुद्दे सुलझ जाएंगे और मिलरों ने मंडियों से धान उठाने का भरोसा दिया है.

मिलरों की ये है दूसरी बड़ी मांग

AORMA के महासचिव लक्ष्मीनारायण दीपक रंजन दास ने कहा कि एसोसिएशन ने जिले के मिलरों से कहा है कि वे राज्य की सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन (OSCSC) के साथ समझौता करें. OSCSC सरकार की पेडा खरीद के लिए नोडल एजेंसी  है और यह मिलरों को धान की कस्टम मिलिंग के लिए जिम्मेदार करती है. मिलरों की दूसरी बड़ी मांग लगभग 12 लाख टन कस्टम मिल्ड चावल को उनके गोदामों से निकालने की है.

मुख्यमंत्री मोहन चरण माजी ने मंत्री कृष्ण चंद्र पात्र को निर्देश दिए

मंत्री ने कहा कि उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने 50 लाख टन की वार्षिक अनुमानित मात्रा में से अतिरिक्त 8 लाख टन चावल उठाने  की अनुमति दे दी है, लेकिन फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) ने अभी तक इस आदेश पर कार्रवाई नहीं की है. मिलरों की एसोसिएशन ने हाल ही में मुख्यमंत्री मोहन चरण माजी को पत्र लिखा था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे धान खरीदी अभियान में भाग नहीं लेंगे. रिपोर्ट्स के अनुसार मुख्यमंत्री ने मिलरों द्वारा मंडियों से धान न उठाने के कारण उत्पन्न हुए विवाद को हल करने के लिए मंत्री कृष्ण चंद्र पात्र को निर्देश दिए हैं.

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