सरकारी एजेंसियों की लापरवाही प्याज किसानों पर पड़ी भारी, फसल को हुआ बड़ा नुकसान

महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संघ के अध्यक्ष भरत दिघोले ने कहा कि NAFED और NCCF को अप्रैल में तय मात्रा का 10 फीसदी और मई में 45 फीसदी प्याज खरीदना था.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Published: 2 Jun, 2025 | 09:59 PM

महाराष्ट्र के प्याज किसानों ने सरकारी एजेंसियों पर फसल खरीदने में देरी का आरोप लगाया है. किसानों का कहना है कि मई में आई बेमौसम बारिश के कारण उन्हें भारी नुकसान हुआ और सरकार की लापरवाही से उनकी परेशानी और बढ़ गई. किसानों के मुताबिक, प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड (PSF) के तहत प्याज की समय पर खरीद नहीं हो पाई, जिसके चलते प्याज भंडारण के बजाय खुले में पड़ा रह गया और बारिश से खराब हो गया. इससे किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ.

दरअसल, PSF योजना के तहत NAFED (नेफेड) और NCCF जैसी नोडल एजेंसियों को बाजार में प्याज जैसी फसलों की कीमतों को स्थिर रखने और किसानों के हितों की रक्षा के लिए खरीददारी करनी होती है. राज्य सरकार के सूत्रों ने भी माना कि इस साल प्याज की खरीद प्रक्रिया समय पर शुरू नहीं हो पाई, जिससे किसानों को कोई संस्थागत समर्थन नहीं मिल सका.

मई में 45 फीसदी प्याज खरीदना था

महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संघ के अध्यक्ष भरत दिघोले ने कहा कि NAFED और NCCF को अप्रैल में तय मात्रा का 10 फीसदी और मई में 45 फीसदी प्याज खरीदना था. अगर ये एजेंसियां तय समय पर काम करतीं, तो करीब 1.65 लाख टन प्याज खरीदा जाता और सुरक्षित तरीके से भंडारण किया जा सकता था.

400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है उत्पादन

भरत दिघोले ने कहा कि किसानों का कहना है कि खरीद में देरी की वजह से उन्हें प्याज अस्थायी गोदामों में रखना पड़ा, जिनमें सही भंडारण की सुविधा नहीं थी. बारिश आ गई और सारी फसल खराब हो गई. राज्य राजस्व विभाग के शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, 5 से 21 मई के बीच असमय बारिश से 3,000 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में प्याज की फसल बर्बाद हो गई. हर हेक्टेयर में औसतन 400 क्विंटल उत्पादन होता है, ऐसे में हजारों टन प्याज के नुकसान की आशंका है.

नमी के कारण प्याज सड़ने लगे

नासिक जिले के निफाड़ के किसान संजय साथे ने कहा कि हमने सोचा बारिश कुछ ही दिनों की होगी, इसलिए प्याज पर प्लास्टिक शीट डाल दी. लेकिन बारिश रुकी ही नहीं और नमी के कारण प्याज सड़ने लगे. उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने अपनी फसल एपीएमसी (APMC) मंडियों में पहुंचाई थी, उनका प्याज खुले में पड़ा था और पूरी तरह खराब हो गया. साथे ने कहा कि अगर NAFED और NCCF ने समय पर खरीद शुरू की होती, तो बहुत सा प्याज गोदामों तक पहुंच जाता और हमें कुछ हद तक पैसा मिल जाता. लेकिन देरी ने सब कुछ बर्बाद कर दिया.

कुल मिलाकर 1.75 लाख टन प्याज खरीदा

इस साल मई में महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई और मॉनसून भी समय से पहले आ गया. किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में प्याज खरीद व्यवस्था में गड़बड़ियां और आधारभूत ढांचे की कमी से पूरी प्रक्रिया प्रभावित हुई है. वहीं, दिघोले ने कहा कि इस साल NAFED ने महाराष्ट्र से 1.5 लाख टन प्याज खरीदी का लक्ष्य रखा था. 2024-25 में एजेंसी ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से मिलाकर 1.75 लाख टन प्याज खरीदा, जबकि NCCF ने अपने 5 लाख टन के लक्ष्य के मुकाबले केवल 2.5 लाख टन खरीदा, ऐसा दावा किया है .

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