Shardiya Navratri : नवरात्रि के चौथे दिन इस रंग के कपड़े पहन करें मां कूष्मांडा की आराधाना, चढ़ाएं ये खास भोग!

नवरात्रि के 9 दिन मां दु्र्गा को समर्पित होते हैं. इन दिनों लोग उपवास रख मां की पूजा करते हैं और उन्हें उनका प्रिय भोग भी चढ़ाते हैं. शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है. तो आइए जानते हैं कि किस विधि से मां का पूजन किया जाता है और क्या है मां का ध्यान मंत्र.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Updated On: 25 Sep, 2025 | 12:40 PM

Maa Kushmanda ki Pooja Vidhi: नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा का होता है. कहते हैं कि जब सृष्टि की रचना से पहले चारों ओर बस अंधेरा ही अंधेरा था, तब माता कूष्मांडा ने अपनी हल्की मुस्कान से सृष्टि की रचना की थी, यही कारण है कि इन्हें ब्रह्मांड की सृजनकर्ता भी कहा जाता है. अष्ट भुजाओं वाली मां कूष्मांडा शेर पर सावर हैं और हाथों में कमल, धनुष, कमंडल, अमृत कलश, चक्र आदि धारण करती हैं. मां को गहरा नीला रंग बहुत पसंद है, जो भी साधक सच्चे मन से मां के सामने जाकर उन्हें पुकारता है, उनकी पूजा करता है, मां अपना आशीर्वाद उसे जरूर देती हैं. आइए जान लेते हैं कि इस दिन मां को खुश करने के लिए किस तरह उनकी पूजा करनी चाहिए.

भोग में चढ़ाएं मालपुआ

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, मां दुर्गा के चौथे स्वरूप यानी मां कूष्मांडा को मीठा बहुत पसंद है. खास तौर पर मालपुआ, इसलिए मां को भोग में मालपुआ जरूर चढ़ाना चाहिए. शुद्द घी में तलकर मालपुआ को घी और मिश्री के साथ मिलाकर मां को प्रसाद स्वरूप अर्पित करें. कहते हैं कि मां को प्रसाद रूप में चढ़ाए गए मालपुआ को परिवारजनों और जरूरतमंदों में बांटना शुभ माना जाता है. इसके अलावा मां को दही और हलवे का भोग भी लगाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि मां को उनका प्रिय भोग लगाने से मां सारी इच्छाएं पूरी करती हैं.

Navratri 2025

मां कूष्मांडा- (Photo Credit- Canva)

इस विधि से करें मां का पूजन

मां कूष्मांडा की पूजा करने के लिए सबसे पहले ब्रह्म मुहुर्त में उठकर स्नान कर साफ और गहरे नीलें रंग के कपड़े पहनें. इसके बाद देवी की मूर्ति या चित्र को साफ स्थान पर स्थापित करें. देवी की मूर्ति या चित्र के सामने अगरबत्ती, धूपबत्ती, दीया जलाएं, साथ ही फल और फूल अर्पित करें. इसके बाद दुर्गा सप्तशती पाठ या कूष्मांडा स्तोत्र का पाठ करें और अंत में मालपुआ का भोग लगाकर मां की आरती करें. कहते हैं कि मां कूष्मांडा को लाल रंग के फूल अत्यंत प्रिय हैं इसलिए पूजन करते समय उन्हें लाल रंग के फूल जरूर अर्पित करें.

मां कूष्मांडा का ध्यान मंत्र

मां कूष्मांडा को खुश करने के लिए साधक उनके मंत्र का जप भी कर सकते हैं. भक्त नीचे दिए गए मंत्रों का जप कर मां से मनवांछित फल मांग सकते हैं.

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दरिद्रादि विनाशनीम्।
जयंदा धनदा कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

या देवी सर्वभू‍तेषु मां कूष्‍मांडा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

सुरासम्पूर्णकलशं रूधिराप्लुतमेव च।
दधानाहस्तपद्याभ्यां कुष्माण्डा शुभदास्तु मे

Published: 25 Sep, 2025 | 06:00 AM

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