सीएम योगी का ऐलान: फूल उत्पादकों को मंडी शुल्क से छूट, आम किसानों को भी मिलेगा तोहफा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ किया कि फूल जल्दी खराब होने वाला उत्पाद है, इसलिए किसानों को खुली छूट दी जा रही है ताकि वे जहां चाहें, बिना शुल्क के अपना माल बेच सकें. इससे खासकर देहात के छोटे और मौसमी फूल उत्पादकों को राहत मिलेगी.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 6 Jul, 2025 | 10:49 AM

उत्तर प्रदेश सरकार ने गांवों और देहात में खेती-किसानी करने वाले छोटे किसानों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है. अब फूल उगाने वाले किसानों को मंडी शुल्क नहीं देना होगा. वहीं आम के बाग लगाने वाले किसानों को कीटों से फसल की सुरक्षा के लिए मुफ्त में खास उपकरण दिए जाएंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंडी परिषद की अहम बैठक में ये बड़े फैसले लिए गए हैं.

फूलों की खेती को मिलेगी नई उड़ान

गांवों में फूलों की खेती धीरे-धीरे बढ़ रही है. खासकर सीमांत किसान इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं क्योंकि इसमें कम समय में बेहतर कमाई होती है. लेकिन मंडी शुल्क और भंडारण की दिक्कतें उनके रास्ते का रोड़ा बन रही थीं. अब सरकार ने फूलों को ‘गैर-विनिर्दिष्ट कृषि उत्पाद’ घोषित कर दिया है, जिससे किसान मंडी परिसर के बाहर भी फूल बेच सकेंगे और कोई शुल्क नहीं देना होगा. मंडी के अंदर बेचने पर सिर्फ ‘प्रयोक्ता शुल्क’ लगेगा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ किया कि फूल जल्दी खराब होने वाला उत्पाद है, इसलिए किसानों को खुली छूट दी जा रही है ताकि वे जहां चाहें, बिना शुल्क के अपना माल बेच सकें. इससे खासकर देहात के छोटे और मौसमी फूल उत्पादकों को राहत मिलेगी.

आम के बागवानों को मुफ्त कीट प्रबंधन किट

उत्तर प्रदेश में आम की खेती करने वाले किसानों को अब सरकार मुफ्त में ‘मैंगो प्रोटेक्टिव बैग्स’ और ‘इनसेक्ट फ्लाई ट्रैप्स’ जैसी चीजें देगी ताकि फसल की गुणवत्ता बनी रहे और कीटों से नुकसान न हो. इसे ‘प्री-हार्वेस्ट मैनेजमेंट’ योजना के तहत लागू किया जा रहा है. यह योजना खासकर उन किसानों के लिए लाभकारी होगी, जो ऑर्गेनिक या निर्यात योग्य आम उगाते हैं.

मंडी में शुरू होंगी शबरी कैंटीन

गांव और कस्बों में लगने वाली कृषि मंडियों में अब ‘शबरी कैंटीन’ खोली जाएंगी. यहां किसानों और मजदूरों को सस्ता, स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन मिलेगा. सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि इन कैंटीनों का मकसद कमाई नहीं बल्कि सेवा होगा. इनका संचालन सामाजिक संस्थाएं करेंगी और जमीन मंडी परिषद देगी.

तकनीक और विकास पर सरकार का जोर

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि मंडियों को टेक्नोलॉजी से जोड़ा जाए और उन्हें पारदर्शी बनाया जाए. मंडी परिषद द्वारा बनाई जाने वाली नई सड़कों का निर्माण अब ‘एफडीआर तकनीक’ से होगा ताकि लंबे समय तक चलने वाली सड़कें बनें. साथ ही, किसानों की सुविधा के लिए पेयजल, शौचालय, बिजली और विश्रामगृह जैसी बुनियादी सुविधाएं भी समय पर पूरी की जाएंगी.

विश्वविद्यालय के छात्रों को भी मिलेगा छात्रवृत्ति लाभ

अब प्रयागराज के रज्जू भइया विश्वविद्यालय के कृषि संकाय के छात्रों को भी मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिलेगा. यह फैसला ग्रामीण युवाओं को खेती में तकनीकी शिक्षा के लिए प्रोत्साहन देने की दिशा में एक सराहनीय कदम है.

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Published: 6 Jul, 2025 | 09:44 AM

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