भारत की कॉफी ने इस बार अंतरराष्ट्रीय बाजार में न सिर्फ अपनी खुशबू से, बल्कि कमाई के आंकड़ों से भी सबको चौंका दिया है. साल 2025 की पहली तिमाही में भारत का कॉफी निर्यात भले ही मात्रा में घटा हो, लेकिन कीमतों में आई जबरदस्त तेजी ने कमाई में नया रिकॉर्ड बना दिया है. किसानों और निर्यातकों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं. आइए जानते हैं आखिर कैसे कम कॉफी भेजकर भी, भारत की हुई ज्यादा कमाई.
जानिए क्या है इसकी वजह
भारत से कॉफी का निर्यात 2025 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में न सिर्फ तेजी से बढ़ा है, बल्कि इस बार कम मात्रा में ही ज्यादा कमाई भी हुई है. इस तीन महीनों में भारत ने कुल 616 मिलियन डॉलर (लगभग 5,273 करोड़ रुपये) की कॉफी का निर्यात किया, जो पिछले साल की तुलना में 19 फीसदी की वृद्धि है. यह कमाल तब हुआ जब निर्यात की मात्रा में 18 फीसदी की गिरावट आई. यानी भले ही कम कॉफी भेजी गई, लेकिन कीमत ज्यादा मिलने के कारण कमाई ज्यादा हुई.
कम हुई मात्रा, फिर भी उत्साहजनक आंकड़े
कॉफी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, इस तिमाही में कुल 1.03 लाख टन कॉफी का निर्यात हुआ, जो पिछले साल के 1.27 लाख टन से कम है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें काफी ऊपर रही, जिसका फायदा भारत को मिला.
प्रति टन कीमत में 59 फीसदी की वृद्धि
बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, जून तिमाही में एक टन कॉफी की औसत कीमत 5.07 लाख रुपये रही, जबकि पिछले साल ये 3.39 लाख रुपये थी. यानी प्रति टन मूल्य में 49 फीसदी की भारी बढ़ोतरी देखी गई. साल 2025 के पहले छह महीनों में, कुल निर्यात 1,166 मिलियन डॉलर तक पहुंचा, जो कि पिछले साल के 924 मिलियन डॉलर की तुलना में 26 फीसदी ज्यादा है.
यूरोपीय देशों में भारत की कॉफी की धूम
भारत की कॉफी सबसे ज्यादा इटली को भेजी गई है, यहां लगभग 33,823 टन कॉफी को भेजा गया. इसके बाद जर्मनी (17,468 टन), बेल्जियम (15,615 टन), रूस (12,713 टन) और तुर्की (8,759 टन) रहे. ये पांच देश भारत की कॉफी के सबसे बड़े खरीदार हैं.
कीमत बढ़ने की वजह
विशेषज्ञों का मानना है कि दुनिया भर में कॉफी की कीमतें पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ रही हैं. इसके पीछे ब्राजील और वियतनाम जैसे बड़े उत्पादक देशों में उत्पादन में आई कमी और सप्लाई चेन की चुनौतियां रही हैं. ऐसे में भारत जैसे देशों को बेहतर दाम मिले.