Gardening Tips: पौधों की देखभाल करना आसान लगता है, लेकिन कभी-कभी हम उन्हें अनजाने में ज्यादा पानी दे देते हैं. शुरुआत में लगता है कि पानी देना फायदेमंद है, लेकिन जब जड़ें गीली और भारी हो जाती हैं, तो पौधा असहज होने लगता है. अधिक पानी देने से जड़ों में सड़न (root rot) हो सकती है और पौधा धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है. लेकिन घबराइए मत, सही कदम उठाकर आप अपने पौध को फिर से जीवित कर सकते हैं.
अधिक पानी देने के संकेत
सबसे पहले यह पहचानना जरूरी है कि पौध को ज्यादा पानी मिला है या नहीं. अक्सर पत्तियों का रंग पीला होना पहला संकेत होता है. यह जड़ों में पानी भर जाने और पौध पोषक तत्व नहीं ले पाने की वजह से होता है. कभी-कभी पत्तियां मुरझा भी सकती हैं, जो केवल पानी की कमी का ही नहीं बल्कि ज्यादा पानी का भी संकेत है.
पत्तियों पर भूरे, नरम धब्बे या मिट्टी का लगातार गीला रहना भी अधिक पानी की निशानी है. अगर पत्तियां झड़ने लगें, तो समझ जाइए कि जड़ें प्रभावित हो चुकी हैं.
पौध को बचाने का तरीका
सबसे पहला कदम है पानी देना तुरंत रोक देना. मिट्टी को सूखने दें और पौध को उजली, हवादार जगह पर रखें ताकि नमी जल्दी सूखे. यदि मिट्टी बहुत गीली है, तो पौध को हल्के से निकालकर अतिरिक्त मिट्टी हटा दें और जड़ों की जांच करें. सड़ी हुई जड़ों और पत्तियों को काट दें.
फिर पौध को ताजी, अच्छे जल निकासी वाली मिट्टी में दोबारा लगाएं. यह सुनिश्चित करें कि गमले में ड्रेनेज हो ताकि भविष्य में पानी जमा न हो. नए पौध को पानी देने से पहले कुछ दिन इंतजार करें ताकि जड़ें ठीक से सेट हो जाएं.
ओवरवाटरिंग से बचाव
पानी देने के लिए “सिंक-एंड-ड्राय” विधि अपनाएं, मिट्टी को गहराई से पानी दें और फिर अगली सिंचाई तब करें जब मिट्टी 1–2 इंच तक सूखी हो. गमले में अच्छे ड्रेनेज और हल्की मिट्टी का उपयोग करें. यदि जरूरत हो तो मिट्टी में पर्लाइट या बालू मिलाएं. पौध की स्थिति देखकर ही पानी दें, क्योंकि हर पौध की जरूरत अलग होती है.
कैसे करें देखभाल
सही तरीके से उपाय करने पर पौध धीरे-धीरे स्वस्थ दिखने लगेगा. नई पत्तियां निकलेंगी और झड़ती पत्तियां कम होंगी. अगर पौध फिर भी कमजोर दिखाई दे, तो जड़ों और मिट्टी की जांच दोबारा करें. थोड़ी सावधानी और सही तकनीक अपनाकर आप अपने अधिक पानी पाये गए पौध को फिर से जीवित और हरा-भरा बना सकते हैं.