Chilli Farming: मिर्च की खेती करने वाले किसानों के सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है अपनी फसल को रोगों और कीटों से बचाना. मिर्च की फसल में रोगों का लगना आम बात है लेकिन अगर किसान समय रहते इन रोगों से फसल को बचाने का उपाय न करें तो पूरी फसल चौपट हो सकती है. इसके साथ ही किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इन दिनों मिर्च की फसल पर पत्ती मोड़क रोग (Leaf Curl) का खतरा बढ़ रहा है, जिसने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.ये रोग पौधे की ग्रोथ रोक देता है, फूल झड़ जाते हैं और पैदावार भी आधी रह जाती है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि किसान समय रहते फसल का बटाव करें. किसान फसल को बचान के लिए ये 3 जरूरी काम कर सकते हैं.
1- संक्रमित पौधों को अलग करें
लीफ कर्ल रोग मिर्च के पौधे पर आक्रमण कर पत्तियों को मोड़ देता है, जिसके कारण पत्तियां आगे जाकर मुरझाकर पौधे से गिर जाती हैं और पौधों की भी ग्रोथ रुक जाती है. इसके लिए जरूरी है कि किसान पौधों की निगरानी करें. बता दें कि, जो पौधे पहले से ही मुड़ चुकी पत्तियों और रुकावट वाले विकास के शिकार हैं, उन्हें हटाकर अलग कर दें. ताकि संक्रमित पौधे के कारण बाकी की फसल भी बर्बाद न हो जाए. किसानों को सलाह दी जाती है कि वे प्रभावित पौधों को जड़ सहित निकालकर जला दें या खेत से दूर दबा दें.
2- सफेद मक्खी और थ्रिप्स पर कंट्रोल
लीफ कर्ल रोग के होने का मुख्य कारण सफेद मक्खी और थ्रिप्स हैं. इन दोनों के माध्यम से ही ये रोग पौधों में फैलता है. इसलिए जरूरी है कि फसल को इनसे बचाया जाए. अगर आपको अपनी मिर्च की फसल में यो दो कीट पत्तियों के पीछे दिखें, तो तुरंत इमिडाक्लोप्रिड (Imidacloprid 17.8 SL) को 1 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर फसल पर उसका छिड़काव करें. इसके अलावा 3 से 5 मिलीलीटर नीम तेल प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़काव कर सकते हैं.
3- खेत में लगाएं येलो स्टिकी ट्रैप
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मिर्च की फसल को लीफ कर्ल रोग से बचाने के लिए किसान अपने खेतों में येलो स्टिकी ट्रैप (Yellow Sticky Trap) लगाएं. बता दें कि, सफेद मक्खी और अन्य उड़ने वाले कीट पीले रंग की ओर आकर्षित होते हैं. इसलिए प्रति एकड़ खेत में 10 से 15 पीले चिपचिपे ट्रैप लगाएं. इस ट्रैप की मदद से कीटों की संख्या कम होगी और रोगों के फैसलने का भी खतरा कम हो जाएगा.