Water Storage: देश के प्रमुख जलाशयों में पानी की स्थिति इस साल बेहद अच्छी नजर आ रही है. केंद्रीय जल आयोग (CWC) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश के 50 फीसदी से अधिक बड़े जलाशय अब लगभग पूरी क्षमता तक भर गए हैं और कुल भंडारण 90 फीसदी से ऊपर पहुंच गया है. यह पिछले साल की तुलना में 3.5 प्रतिशत अधिक और पिछले 10 सालों के औसत से 15 प्रतिशत अधिक है. इस सुधार का मुख्य कारण इस साल हुई दक्षिण-पश्चिम मानसून की 8 फीसदी अतिरिक्त बारिश है.
CWC की रिपोर्ट के अनुसार, देश के कुल 182.496 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) क्षमता वाले प्रमुख जलाशयों में से 164.986 BCM पानी भरा हुआ है. देश के पांच क्षेत्रों में से तीन क्षेत्रों के जलाशय अब 90 फीसदी से अधिक भरे हुए हैं.
48 जलाशय 90 फीसदी से ऊपर
रिपोर्ट के अनुसार, कुल 35 जलाशय पूरी तरह भरे हुए हैं, जबकि 48 जलाशय 90 फीसदी से अधिक भरे हैं. महाराष्ट्र में 13 जलाशय पूरी तरह भरे हैं. इसके अलावा राजस्थान में 4, मध्य प्रदेश, झारखंड, गुजरात और कर्नाटक में 3-3 जलाशय, उत्तर प्रदेश में 2, जबकि छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में 1-1 जलाशय पूरी क्षमता के करीब हैं. गोवा और मिजोरम के भी 1-1 जलाशय पूरी क्षमता के करीब हैं.
हालांकि, कुछ क्षेत्रों में अतिरिक्त बारिश से खरीफ फसलों को नुकसान और कटाई में देरी हुई है, लेकिन जलाशयों का यह स्तर रबी सीजन के लिए अच्छे संकेत दे रहा है, जो अक्टूबर से शुरू हो चुका है.
क्षेत्रवार स्थिति
पश्चिमी क्षेत्र के 50 जलाशयों में सबसे अधिक भंडारण रहा, जो कुल 37.357 BCM क्षमता में से 36.351 BCM यानी 97.31 फीसदी तक भरा हुआ है. गुजरात में 96.79 फीसदी, महाराष्ट्र में 97.76 फीसदी और गोवा में भी जलाशय लगभग पूरी क्षमता तक भरे हैं.
उत्तरी क्षेत्र में 11 जलाशय 90 फीसदी क्षमता तक भरे हैं. राजस्थान में जलाशय 97 फीसदी भरे हुए हैं, हिमाचल में 89 फीसदी और पंजाब में 83.58 फीसदी क्षमता रही.
पूर्वी क्षेत्र में भंडारण अभी भी सबसे कम है, लेकिन इस सप्ताह मामूली वृद्धि हुई. 27 जलाशयों में कुल भंडारण 78 फीसदी क्षमता पर है. ओडिशा में 82 फीसदी और पश्चिम बंगाल में इस सप्ताह 50 फीसदी क्षमता पर पानी भरा है.
मध्य क्षेत्र के 28 जलाशय 92.75 फीसदी क्षमता पर हैं. मध्य प्रदेश के जलाशय 96.5 फीसदी से अधिक, उत्तराखंड के 95 फीसदी से अधिक, छत्तीसगढ़ 88 फीसदी और उत्तर प्रदेश 78 फीसदी भरे हैं.
दक्षिण क्षेत्र में 46 जलाशयों का भंडारण 88.39 फीसदी तक पहुंचा है. आंध्र प्रदेश में 91 फीसदी, तमिलनाडु में 90 फीसदी, कर्नाटक में थोड़ा कम, केरल में 76.75 फीसदी और तेलंगाना में 79 फीसदी जलाशय भरे हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार, ओडिशा तट पर गहरी डेप्रेशन और अरब सागर में चक्रवाती तूफान के प्रभाव से आने वाले सप्ताह में जलाशयों में और वृद्धि होने की संभावना है.
इस साल जलाशयों की यह भरमार किसानों और देश की जल सुरक्षा के लिए सुखद संकेत देती है और रबी सीजन की फसल के लिए भी अच्छी खबर है.