Sheep Farming : गांवों में पहले लोग गाय या भैंस को ही दुधारू पशु मानते थे, लेकिन अब समय बदल चुका है. आजकल कई किसान ऐसे पशु ढूंढ रहे हैं, जिन्हें पालना आसान हो, खर्च कम आए और कमाई ज्यादा हो. यही वजह है कि खेरी नस्ल की भेड़ तेजी से किसानों की पहली पसंद बनती जा रही है. खासकर राजस्थान, हरियाणा और पंजाब जैसे सूखे इलाकों में रहने वाले किसानों के लिए यह भेड़ किसी कमाई की मशीन से कम नहीं.
कैसी दिखती है खेरी भेड़? पहचानना आसान
खेरी नस्ल की भेड़ को पहचानना काफी आसान होता है. इसका शरीर मध्यम आकार का और मजबूत दिखता है. इसका रंग आमतौर पर सफेद होता है, लेकिन सिर और टांगों पर हल्के भूरे या काले धब्बे मिल जाते हैं. नर भेड़ों में घुमावदार सिंग होते हैं, जबकि मादा भेड़ों में या तो बहुत छोटे सिंग होते हैं या नहीं होते. इनका चेहरा लंबा और कान नीचे की ओर झुके हुए रहते हैं. इस नस्ल से मोटा ऊन भी प्राप्त होता है, जो महीन नहीं होता लेकिन कालीन, कंबल और मोटे वस्त्र बनाने के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है.
क्यों है इतनी मशहूर? जानिए इसकी खासियतें
खेरी भेड़ की सबसे बड़ी खासियत इसकी कठिन परिस्थितियों में भी टिके रहने की क्षमता है. यह नस्ल कम पानी और साधारण चारे में भी आसानी से जिंदा रह सकती है, इसलिए सूखे या रेतीले इलाकों के लिए बेहद उपयुक्त मानी जाती है. इससे मिलने वाला मांस स्वादिष्ट होता है और बाजार में अच्छा दाम दिलाता है. इसकी प्रजनन दर भी अच्छी होती है, अधिकतर भेड़ साल में एक बार बच्चा देती हैं और कई बार जुड़वा भी हो जाते हैं. इसे पालना महंगा नहीं पड़ता और दवाइयों का खर्च भी कम आता है, इस वजह से छोटे किसान भी इसे आराम से अपना सकते हैं.
क्या खिलाना होता है? खानपान भी बहुत आसान
खेरी भेड़ को पालने के लिए महंगे चारे की आवश्यकता नहीं होती. इन्हें आसानी से बाजरे की ठूंठ, ज्वार के सूखे डंठल और गेहूं की भूसी जैसे सामान्य चारे से खाना खिलाया जा सकता है. गर्मियों में इनकी पानी की जरूरत थोड़ी ज्यादा होती है, जबकि सर्दियों में केवल सूखा चारा ही पर्याप्त होता है. अगर इन्हें खुली जगह पर चरने दिया जाए तो ये खुद ही घास और हरी पत्तियां ढूंढकर खा लेती हैं. इसका मतलब है कि किसान को रोजाना ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती और इनकी देखभाल आसान और किफायती हो जाती है
कीमत कितनी होती है? जानिए बाजार रेट…
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, खेरी भेड़ की कीमत कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे उसकी उम्र, वजन और स्वास्थ्य. सामान्य मादा भेड़ की कीमत आमतौर पर 5,000 रुपये से 10,000 रुपये के बीच होती है, जबकि बड़ा और स्वस्थ नर भेड़ 8,000 रुपये से 15,000 रुपये में बिकता है. अगर मादा भेड़ गर्भवती हो तो उसकी कीमत 12,000 रुपये से भी ज्यादा हो सकती है. किसानों के लिए यह बेहद फायदेमंद होता है, क्योंकि अगर एक भेड़ साल में बच्चा देती है और उसका बच्चा भी बाजार में 8-10 हजार रुपये में बिक जाए, तो कमाई आसान और नियमित हो जाती है, जिससे छोटे किसान भी लाभ कमा सकते हैं.
किसान क्यों कह रहे- भेड़ पालन ही सही फैसला था
आजकल कई किसान मानते हैं कि सही नस्ल की भेड़ चुनना गाय या भैंस पालने से कहीं अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है. इसमें ना तो रोजाना दूध निकालने की झंझट होती है और ना ही ज्यादा खर्च करना पड़ता है. बस खुले मैदान में भेड़ को चरने दिया जाए और सादा चारा उपलब्ध कराया जाए, कमाई अपने आप शुरू हो जाती है. खेरी नस्ल की भेड़ ने यह साबित कर दिया है कि अगर किसान सही नस्ल का चयन करे तो उसकी आमदनी दोगुनी होना मुश्किल नहीं. छोटे और सीमांत किसान भी इससे अच्छे लाभ कमा सकते हैं.