गांव-देहात के कई किसान आजकल खेती के साथ-साथ पशुपालन पर भी ध्यान दे रहे हैं. इससे उनकी आमदनी में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हो रही है. लेकिन बरसात के मौसम में एक बड़ी परेशानी सामने आती है-दूध देने वाले पशुओं से दूध कम मिलने लगता है. इसका सीधा असर किसानों की कमाई पर पड़ता है. वजह होती है हरे चारे की कमी. ऐसे में चिंता लाज़मी है, लेकिन इस बार इसका आसान इलाज भी है. एक ऐसी पत्ती जो आपके जानवरों को फिर से दूध से भर देगी बाल्टी.
शहतूत की पत्तियां बनेंगी रामबाण इलाज
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बरसात में जब खेतों में हरियाली कम हो जाती है, तो जानवरों को मिलने वाला हरा चारा भी घट जाता है. ऐसे में शहतूत की पत्तियां बहुत काम की साबित हो सकती हैं. ये पत्तियां प्रोटीन, फाइबर और जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, जो जानवरों के शरीर को मजबूत बनाती हैं और उनके पाचन को भी सुधारती हैं. अगर जानवरों को रोजाना सुबह और शाम शहतूत की पत्तियां दी जाएं, तो उनमें ताकत आती है और दूध देने की क्षमता भी बढ़ती है. खास बात ये है कि ये पत्तियां आसानी से मिल जाती हैं और इन्हें खिलाना भी बेहद आसान है.
ऐसे खिलाएं शहतूत की पत्तियां
शहतूत की पत्तियों को आप भूसे या सूखे चारे के साथ मिलाकर दे सकते हैं. शुरुआत में थोड़ी मात्रा में दें, फिर धीरे-धीरे इसकी मात्रा बढ़ा सकते हैं. लगातार 10 दिन तक अगर शहतूत की पत्तियां दी जाएं, तो फर्क साफ नजर आने लगेगा. ध्यान रखने वाली बात ये है कि हर जानवर के लिए मात्रा थोड़ी अलग होती है. गाय, बकरी, भेड़ जैसे छोटे-बड़े जानवरों को उनकी उम्र और वजन के हिसाब से पत्तियां दी जानी चाहिए.
दूध में बढ़ोतरी, सेहत में भी सुधार
जो पशुपालक लगातार अपने जानवरों को शहतूत की पत्तियां खिला रहे हैं, उन्होंने बताया कि दूध की मात्रा में साफ बढ़ोतरी देखने को मिली है. पहले जहां एक गाय या बकरी रोजाना एक-दो लीटर दूध देती थी, अब वो 3-4 लीटर तक देने लगी है. इसके अलावा जानवरों की सेहत में भी सुधार आया है. उनके बाल चमकने लगे हैं, त्वचा साफ दिखने लगी है और उनका पाचन भी बेहतर हुआ है. यानी सिर्फ दूध ही नहीं, पूरा शरीर फिट रहने लगा है.
और भी फायदे, जेब पर असर नहीं
शहतूत की पत्तियां सिर्फ दूध ही नहीं बढ़ातीं, बल्कि ये जेब पर भी भारी नहीं पड़तीं. ना ही कोई महंगा सप्लीमेंट खरीदना पड़ता है और ना ही किसी खास ट्रेनिंग की जरूरत होती है. बस थोड़ी सी जानकारी और नियमितता से ही बढ़िया नतीजे मिल सकते हैं. इसके अलावा, जिन इलाकों में शहतूत के पेड़ आसानी से उगाए जा सकते हैं, वहां किसान इसे अपने खेत की मेड़ पर भी लगा सकते हैं. इससे आने वाले समय में उन्हें मुफ्त का चारा मिलता रहेगा.