अगर आप पशुपालन शुरू करने की सोच रहे हैं और कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है. बलिया जिले से आई इस जानकारी में एक खास नस्ल की बकरी- बरबरी नस्ल- ने पशुपालकों के बीच नई उम्मीदें जगा दी हैं. इस बकरी को न तो ज्यादा जगह चाहिए और न ही चराने की जरूरत. फिर भी यह तेजी से वजन बढ़ाती है, जल्दी बच्चे देती है और दूध-मांस के मामले में भी किसी से कम नहीं.
क्यों खास है बरबरी नस्ल की बकरी?
बरबरी नस्ल की बकरी को लोग प्यार से शहरी बकरी भी कहते हैं, क्योंकि इसे घर की छत या छोटे आंगन में भी आसानी से पाला जा सकता है. इस बकरी का आकार छोटा होता है, लेकिन शरीर मजबूत और सुदृढ़ होता है. नर बकरे का वजन 35-40 किलो और मादा बकरी का वजन 25-30 किलो तक होता है. यानी यह बकरी भैंसे की तरह तेजी से वजन पकड़ती है, जिससे मांस उत्पादन भी अच्छा होता है.
दूध और मांस- दोनों में जबरदस्त फायदे
बरबरी बकरी का दूध न सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है. इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं. खास बात यह है कि इसका दूध प्लेटलेट्स बढ़ाने में भी मदद करता है, इसलिए यह बीमार लोगों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है. वहीं इसका मांस बेहद मुलायम और स्वादिष्ट होता है, जो बाजार में महंगे दामों पर बिकता है. यानी बरबरी बकरी से दूध और मांस- दोनों से कमाई का मौका मिलता है.
शहरी क्षेत्रों के लिए है बेस्ट विकल्प
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बरबरी बकरी को चराने की जरूरत नहीं होती. इसे घर में रखकर ही अच्छे से पाला जा सकता है. यही वजह है कि यह बकरी शहरी और कस्बाई इलाकों में बहुत पसंद की जाती है. कम जगह और कम खर्चे में पाले जाने की वजह से यह बकरी खासकर उन लोगों के लिए बढ़िया विकल्प है, जो छोटे स्तर से पशुपालन शुरू करना चाहते हैं.
जल्दी प्रजनन और ज्यादा आमदनी
बरबरी बकरी की एक और बड़ी खासियत यह है कि यह बहुत जल्दी प्रजनन करती है. यानी यह साल में दो बार बच्चे दे सकती है और हर बार 2 से 3 बच्चे हो सकते हैं. इससे पशुपालक को कम समय में ज्यादा बकरियां मिलती हैं, जिससे आमदनी बढ़ती है. इसके बच्चे भी बाजार में अच्छे दामों में बिकते हैं.
क्या खिलाएं और कैसे रखें?
बरबरी बकरी को लोबिया, बरसीम, चना, मक्का, जौ, भूसा और नीम के पत्ते जैसे आहार देने चाहिए, जो प्रोटीन और ऊर्जा से भरपूर होते हैं. इसके अलावा इसे साफ-सुथरे और हवादार शेड में रखना चाहिए. बारिश और ठंड से बचाव के लिए बकरी के रहने की जगह पर छत और दीवारों का सही इंतजाम होना चाहिए. बरबरी नस्ल की बकरी बहुत कम बीमार होती है, जिससे इलाज का खर्च भी कम आता है.