Agriculture News: इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) ने आज अपनी वार्षिक आम बैठक (AGM) आयोजित की. इस बैठक में ISMA ने भारत के चीनी और बायो-एनर्जी क्षेत्र को लंबे समय तक टिकाऊ, प्रतिस्पर्धी और मजबूत बनाने के लिए भारत सरकार और सभी संबंधित पक्षों के साथ मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. बैठक को संबोधित करते हुए ISMA ने कहा कि मौजूदा बाजार चुनौतियों से निपटने के लिए नीति-निर्माताओं के साथ लगातार और सक्रिय संवाद बेहद जरूरी है. साथ ही, ऊर्जा परिवर्तन, स्थिरता और तकनीकी प्रगति से जुड़े भविष्य के अवसरों के लिए उद्योग को अभी से तैयार करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है. खास बात यह है कि इस बैठक में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा भी उपस्थित रहे.
ISMA ने बैठत में इस बात पर जोर दिया कि हाल के दिनों में चीनी की कीमतों में नरमी आई है और वर्तमान कीमतें उत्पादन लागत से नीचे चल रही हैं, जिस पर तुरंत ध्यान दिए जाने की जरूरत है. संगठन ने चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य (MSP) में समय पर बढ़ोतरी को जरूरी बताया, ताकि चीनी मिलों की वित्तीय स्थिति मजबूत रहे, किसानों को समय पर भुगतान हो सके और गन्ना बकाया की समस्या न बढ़े. साथ ही ISMA ने 2025-26 एथेनॉल आपूर्ति वर्ष के लिए एथेनॉल खरीद मूल्य में बढ़ोतरी की आवश्यकता पर जोर दिया.
थेनॉल के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ
संगठन ने कहा कि बढ़ती लागत के बावजूद पिछले तीन वर्षों से एथेनॉल के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. साथ ही, निजी क्षेत्र के गन्ना-आधारित एथेनॉल उत्पादकों के लिए समान अवसर (लेवल प्लेइंग फील्ड) सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई, ताकि निवेश और उत्पादन क्षमता का विस्तार जारी रह सके. वहीं, एथेनॉल की स्थायी मांग बनाए रखने के लिए ISMA ने फ्लेक्स-फ्यूल और स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड वाहनों (FFVs/HEVs) पर जीएसटी में कमी और वित्तीय प्रोत्साहनों की मांग को आगे बढ़ाने की बात कही. संगठन के अनुसार, फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों का व्यापक उपयोग देश में पहले से तैयार एथेनॉल उत्पादन क्षमता का पूरा इस्तेमाल करने का सबसे प्रभावी और व्यावहारिक समाधान है.
क्या बोले ISMA के प्रेसिडेंट
ISMA के प्रेसिडेंट गौतम गोयल ने कहा कि भारतीय चीनी और बायो-एनर्जी उद्योग इस समय एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है. तात्कालिक आर्थिक चुनौतियों का समाधान जरूरी है, लेकिन हमारा बड़ा लक्ष्य तकनीक, स्थिरता और विविधीकरण पर आधारित एक भविष्य के लिए तैयार उद्योग बनाना है. उन्होंने कहा कि ISMA सरकार के साथ सकारात्मक और सहयोगात्मक संवाद के जरिए उद्योग और किसानों के लिए दीर्घकालिक विकास के अवसर खोलने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. वहीं, वाइस प्रेसिडेंट नीरज शिरगांवकर ने कहा कि एथेनॉल भारत के ऊर्जा परिवर्तन की रीढ़ बन चुका है. एथेनॉल खरीद मूल्य में समय पर संशोधन और E20 से आगे की स्पष्ट नीति निवेश को बनाए रखने और बायोफ्यूल सेक्टर की रफ्तार को जारी रखने के लिए बेहद जरूरी है. यह देश के नेट जीरो लक्ष्यों को हासिल करने में भी अहम भूमिका निभाएगा.
343.5 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान
ISMA ने नवंबर 2025 में 2025- 26 चीनी सीजन के लिए अपना पहला अग्रिम अनुमान जारी किया था, जिसमें कुल चीनी उत्पादन 343.5 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया. यह अनुमान अक्टूबर 2025 के अंत में लिए गए देशभर के सैटेलाइट इमेज और फील्ड आकलन पर आधारित था. अनुमान को और सटीक बनाने के लिए ISMA ने महाराष्ट्र और कर्नाटक के विशेष सैटेलाइट इमेज (नवंबर के अंत और दिसंबर 2025 की शुरुआत में लिए गए), पेराई के रुझान और फील्ड रिपोर्ट्स का विश्लेषण किया. इन रिपोर्ट्स के अनुसार दिसंबर 2025 के मध्य तक पिछले वर्ष की तुलना में उत्पादन में लगभग 28 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिसका कारण प्रमुख राज्यों में बेहतर गन्ना पैदावार और रिकवरी रेट में सुधार रहा. इन सभी संकेतों को देखते हुए ISMA ने 2025- 26 सीजन के लिए 343.5 लाख टन के अपने कुल उत्पादन अनुमान की पुष्टि की है.