बर्फीली झील में भी जिंदा रहती हैं मछलियां, जानिए कड़ाके की ठंड को कैसे देती हैं मात

प्रकृति ने कुछ जीवों को इस कठिन हालात में भी जीवित रहने की अद्भुत क्षमता दी है. उनमें सबसे खास हैं मछलियां. ये छोटे-छोटे जीव बर्फीले पानी में भी तैरते नजर आते हैं, और उनका जीवित रहना किसी जादू से कम नहीं है.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 4 Oct, 2025 | 12:54 PM

Fish Farming: सोचिए, एक झील या नदी पूरी तरह बर्फ की चादर से ढकी हुई हो. तापमान इतना गिर गया हो कि पानी लगभग जम चुका हो, और आसपास का वातावरण इंसानों के लिए बेहद खतरनाक हो. ऐसे में आप सोचेंगे कि क्या जिंदा रहना संभव है? लेकिन प्रकृति ने कुछ जीवों को इस कठिन हालात में भी जीवित रहने की अद्भुत क्षमता दी है. उनमें सबसे खास हैं मछलियां. ये छोटे-छोटे जीव बर्फीले पानी में भी तैरते नजर आते हैं, और उनका जीवित रहना किसी जादू से कम नहीं है. आइए जानते हैं कि मछलियां इतनी ठंड में कैसे जिंदा रहती हैं.

ठंडे खून वाली मछलियां

मछलियों का शरीर ठंडे खून वाला होता है. इसका मतलब है कि उनका शरीर अपने आप को आसपास के पानी के तापमान के अनुसार ढाल लेता है. जैसे ही पानी ठंडा होता है, मछली का शरीर भी ठंडा हो जाता है. यह उनकी सबसे बड़ी विशेषता है, जो उन्हें बर्फीले पानी में जीवित रहने में मदद करती है. इंसानों की तरह उनका शरीर स्थिर तापमान नहीं रखता, इसलिए ठंड उनके लिए इतनी खतरनाक नहीं होती.

मेटाबोलिज्म धीमा होना

ठंडे पानी में मछलियों का मेटाबोलिज्म यानी शरीर की ऊर्जा खर्च करने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है. इसका मतलब यह है कि उन्हें बहुत कम भोजन और ऑक्सीजन की जरूरत होती है. उनका शरीर बहुत धीरे-धीरे काम करता है, जिससे वे कम ऊर्जा खर्च करती हैं और लंबे समय तक जिंदा रह सकती हैं. यही वजह है कि बर्फ से ढकी झीलों में मछलियां महीनों तक जीवित रह सकती हैं.

गहरे पानी में शरण

जब झील की सतह पर बर्फ जम जाती है, तो नीचे का पानी अपेक्षाकृत गर्म और स्थिर रहता है. मछलियां इसी गहरे पानी में चली जाती हैं. यह हिस्सा न केवल तापमान में स्थिर होता है, बल्कि ऑक्सीजन की मात्रा भी पर्याप्त होती है. इससे मछलियों को सांस लेने में मदद मिलती है और वे सुरक्षित रहती हैं.

एंटीफ्रीज प्रोटीन का जादू

अंटार्कटिका और आर्कटिक जैसी बर्फीली जगहों में रहने वाली मछलियां अपने शरीर में एंटीफ्रीज प्रोटीन बनाती हैं. ये प्रोटीन उनके खून और शरीर के ऊतकों में बर्फ के क्रिस्टल बनने से रोकते हैं. इसी वजह से ये मछलियां अत्यधिक ठंड में भी सुरक्षित रहती हैं.

हाइबरनेशन जैसी स्थिति

कुछ मछलियां ठंड के मौसम में निष्क्रिय हो जाती हैं. वे झील या नदी के तलहटी की गाद में दब जाती हैं और अपनी गतिविधि लगभग रोक देती हैं. यह प्रक्रिया हाइबरनेशन की तरह होती है. इस दौरान वे बहुत कम ऊर्जा खर्च करती हैं और लंबे समय तक जीवित रह सकती हैं.

ऑक्सीजन की चुनौती

हालांकि बर्फ के नीचे मछलियां जीवित रह सकती हैं, लेकिन अगर बर्फ लंबे समय तक जमी रहे तो पानी में ऑक्सीजन की मात्रा घट सकती है. इस स्थिति में मछलियों को सांस लेने में मुश्किल होती है और लंबे समय तक ऑक्सीजन की कमी से उनका जीवन संकट में पड़ सकता है.

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Published: 4 Oct, 2025 | 12:49 PM

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