गन्ने के खेत में तेजी से फैल रहा है ‘व्हाइट ग्रब्स’.. सूख रहे हैं पौधे, पानी से करें ऐसे इलाज

किसानों का कहना है कि क्लोरपायरीफॉस जैसे जरूरी कीटनाशक काफी महंगे हैं और वे इन्हें आसानी से नहीं खरीद सकते. एक किसान ने कहा कि हम पूरी तरह से परेशान हो चुके हैं. मिल प्रबंधन ने सस्ते दामों पर कीटनाशक देने का भरोसा जरूर दिया है, लेकिन हमें लगता है कि अब तक काफी नुकसान हो चुका है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 2 Aug, 2025 | 06:13 PM

तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले में गन्ने के खेतों का रंग पिछले कुछ हफ्तों से पीला-भूरा होता जा रहा है. पहली नजर में लग सकता है कि ये पोषक तत्वों की कमी या सूखे मौसम की वजह से हो रहा है, लेकिन असल वजह कुछ और है. एक्सपर्ट के मुताबिक, ये नुकसान व्हाइट ग्रब्स नामक कीड़े की वजह से हो रहा है, जो स्कैरैब बीटल के लार्वा होते हैं. ये कीड़े गन्ने की जड़ों को खाते हैं, जिससे पौधा सूखने लगता है. किसानों का आरोप है कि जिले की गन्ना मिलों और कृषि विभाग ने समय पर इस संक्रमण की पहचान नहीं की, जिसकी वजह से पूरे जिले में इसका असर फैल गया है.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जिले की दो मिलें धर्मपुरी को-ऑपरेटिव शुगर मिल (DCS) और सुब्रमण्य शिवा को-ऑपरेटिव शुगर मिल (SSCS) मिलकर जिले में करीब 12,000 एकड़ में गन्ने की खेती का लक्ष्य लेकर चल रही हैं. एक किसान ने कहा कि अब व्हाइट ग्रब्स जड़ों को खा रहे हैं और फसल सूख रही है. हमने प्रति एकड़ 20,000 रुपये तक का निवेश किया है और अगर कीटों को नहीं रोका गया तो भारी नुकसान तय है.

किसानों में भारी गुस्सा और नाराजगी

मोरेप्पूर के एक अन्य किसान का कहना है कि इस संक्रमण की पहचान पहले हो जानी चाहिए थी. SSCS द्वारा बोई गई फसलें भी इसकी चपेट में हैं. किसानों को समय पर चेतावनी और सलाह नहीं मिली, जिससे कीटों का फैलाव रुक नहीं सका. किसान ने कहा कि पहले भी ये कीट देखे गए हैं, लेकिन अब हालात काबू से बाहर हो रहे हैं. अगर जल्द कोई कदम नहीं उठाया गया, तो फसल पूरी तरह खत्म हो जाएगी.

क्लोरपायरीफॉस कीटनाशक की कीमत बहुत ज्यादा

किसानों का कहना है कि क्लोरपायरीफॉस जैसे जरूरी कीटनाशक काफी महंगे हैं और वे इन्हें आसानी से नहीं खरीद सकते. एक किसान ने कहा कि हम पूरी तरह से परेशान हो चुके हैं. मिल प्रबंधन ने सस्ते दामों पर कीटनाशक देने का भरोसा जरूर दिया है, लेकिन हमें लगता है कि अब तक काफी नुकसान हो चुका है. धर्मपुरी कोऑपरेटिव शुगर मिल के अधिकारियों ने कहा कि हमने जरूरी नियंत्रण उपाय अपनाए हैं, लेकिन आमतौर पर व्हाइट ग्रब्स जैसे कीट गर्मियों में ज्यादा सक्रिय होते हैं. इस बार शुरू में अच्छी बारिश हुई, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों से सूखा और गर्म मौसम लौट आया है, जिससे कीटों की संख्या बढ़ गई.

खेतों में पानी भरकर कीटनाशक का ऐसे करें इलाज

सुब्रमणिया शिवा कोऑपरेटिव शुगर मिल (SSCS) की मैनेजिंग डायरेक्टर पी प्रिया ने कहा कि कुछ खेतों में हल्का संक्रमण है, लेकिन स्थिति इतनी गंभीर नहीं है कि फसल नुकसान का सर्वे कराया जाए. कीटनाशकों या खेतों में पानी भरकर हम व्हाइट ग्रब्स को रोक सकते हैं, क्योंकि इससे उनका ऐनारोबिक जीवन चक्र टूटता है. उन्होंने आगे कहा कि हमने पिछले साल प्रभावित किसानों को सलाह दी थी कि वे फसल चक्र (crop rotation) अपनाएं ताकि कीट न पनपें. जिन खेतों में ये सलाह मानी गई, वहां कोई नुकसान नहीं हुआ है. साथ ही, हमारे पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले दिनों में बारिश की संभावना है, जिससे कीटों का फैलाव रुक जाएगा. इसलिए फिलहाल स्थिति चिंताजनक नहीं है.

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Published: 2 Aug, 2025 | 06:13 PM

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