गोवा में बेमौसम बारिश से फसल नुकसान झेलने वाले किसानों के लिए बड़ी खबर है. कृषि विभाग ने बेमौसम बारिश से हुए फसल नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वे का काम शुरू कर दिया है. सर्वे रिपोर्ट आने के बाद बहुत जल्द मुआवजा राशि भी जारी कर दी जाएगी. वहीं, सर्वे का काम शुरू होने पर किसानों ने राहत की सांस ली है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण गोवा के कई हिस्सों में बारिश से धान और बागवानी फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. इससे किसानों को लाखों रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है. ऐसे में किसान मुआवजे की मांग कर रहे थे. कृषि विभाग के अनुसार, बारिश से सांगुएम, केपे और कनाकोना तालुका में फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. इन इलाकों में लगभग 10 हेक्टेयर खेती पूरी तरह बारीश के पानी में डूब गई. हालांकि सर्वे किया जा रहा है, ताकि पूरे नुकसान का सही अनुमान लगाया जा सके.
धान के खेतों में जलभराव हो गया
अधिकारियों ने कहा कि पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते सांगुएम, केपे और धारबंदोरा क्षेत्रों में धान के खेतों में जलभराव हो गया. हालांकि फसल कटाई के लिए तैयार थी. लेकिन खेतों में भरे पानी भर जाने के कारण किसान फसल की कटाई नहीं कर पाए. कृषि विभाग के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर बारिश ऐसे ही जारी रही, तो खड़ी फसल पूरी तरह नष्ट हो सकती है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होगा.
10 से 15 हेक्टेयर खेत पानी में डूबे
हालांकि, सालसेट तालुका में थोड़ा कम नुकसान हुआ है. क्योंकि इस तालुका के ज्यादातर किसानों ने भारी बारिश शुरू होने से पहले ही फसल की कटाई पूरी कर ली थी. फिर भी यहां पर करीब 20 हेक्टेयर में लगी धान की फसल प्रभावित हुई है. इसके अलावा चांडोर में करीब 10 से 15 हेक्टेयर खेत अभी भी पानी में डूबे हुए हैं.
मौसम विभाग की चेतावनी
वेलिम, जो पारंपरिक रूप से धान की खेती के लिए जाना जाता है, वहां भी खेतों में पानी भर गया है. वहीं, मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे किसानों की चिंता और बढ़ गई है. जबकि, कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इस बारिश से मिट्टी नरम हो गई है, जो आगामी फसल सीजन के लिए जुताई के काम में फायदेमंद साबित हो सकती है.