रात में जानवरों की आंखें क्यों चमकती हैं? जानें वैज्ञानिक वजह और इसके पीछे का राज

रात में जानवरों की आंखों की चमक सिर्फ डरावनी नहीं, बल्कि प्रकृति का अद्भुत जादू है. यह चमक जानवरों को कम रोशनी में देखने और जीवित रहने में मदद करती है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 20 Sep, 2025 | 11:04 AM

Animals Glowing Eyes: रात के समय अक्सर हम जंगल या सड़कों पर घूमते हुए किसी जानवर की आंखों में चमक देखते हैं. यह चमक कभी हरी, कभी लाल, कभी सुनहरी या नीली दिखाई देती है. शुरुआत में यह दृश्य थोड़ा डरावना लग सकता है, लेकिन इसके पीछे कोई जादू नहीं बल्कि विज्ञान और नेचर का अद्भुत कारनामा छिपा है. बिल्ली, कुत्ता, हिरण, रैकून, मगरमच्छ और कई अन्य जानवर रात के समय ज्यादा सक्रिय रहते हैं और इन्हीं जानवरों की आंखों में यह अनोखी चमक दिखाई देती है.

जानवरों की आंखों की चमक का राज

ज्यादातर रात्रिचर जानवरों की आंखों में एक खास परत होती है, जिसे टेपेटम ल्यूसिडम (Tapetum Lucidum) कहा जाता है. यह लैटिन शब्द है, जिसका मतलब होता है “चमकदार परत”. यह परत आंखों की रेटिना के पीछे स्थित होती है और इसका मुख्य काम लाइट को वापस रेटिना में परावर्तित करना होता है.

जब किसी जानवर की आंख पर टॉर्च या कार की हेडलाइट जैसी रोशनी पड़ती है, तो यह परत उस रोशनी को वापस भेज देती है. यही परावर्तन हमें जानवरों की आंखों की चमक के रूप में दिखाई देता है.

टेपेटम ल्यूसिडम कैसे काम करता है?

रात में जंगल में चल रहे किसी जानवर की आंख में थोड़ी रोशनी भी बहुत मायने रखती है. जब कम रोशनी आंख में प्रवेश करती है, तो टेपेटम ल्यूसिडम उसे रेटिना पर दो बार परावर्तित करता है. पहले रोशनी आंख के अंदर जाती है और फिर वापस लौटती है. इसका सीधा फायदा यह होता है कि जानवर की आंख थोड़ी रोशनी में भी बेहतर देख सकती है. यही वजह है कि ये जानवर रात के अंधेरे में शिकार कर सकते हैं, खतरे से बच सकते हैं और अपने वातावरण में सुरक्षित रह सकते हैं.

किन जानवरों की आंखों में चमक होती है?

टेपेटम ल्यूसिडम उन जानवरों में पाया जाता है जो रात्रिचर (रात को सक्रिय) या गोधूलि बेला (शाम-सुबह) में एक्टिव रहते हैं. इनमें शामिल हैं:

  • बिल्ली और कुत्ता
  • हिरण और लोमड़ी
  • रैकून और भालू
  • मगरमच्छ और चमगादड़

इसके अलावा उल्लू भी रात में अच्छी तरह देख सकते हैं, लेकिन उनकी आंखों में टेपेटम ल्यूसिडम नहीं होता. उनकी बड़ी आंखें और विशेष कोशिकाएं बहुत कम रोशनी में भी काम करती हैं.

आंखों की चमक का रंग

जानवरों की आंखों में चमक का रंग अलग-अलग हो सकता है. यह रंग टेपेटम ल्यूसिडम की संरचना और जानवर की प्रजाति पर निर्भर करता है. कभी यह हरी होती है, कभी नीली, लाल या सुनहरी. यह रंग चमक को और भी रहस्यमयी बनाता है और रात के दृश्य को और आकर्षक बनाता है.

रात में जानवरों की आंखों की चमक सिर्फ डरावनी नहीं, बल्कि प्रकृति का अद्भुत जादू है. यह चमक जानवरों को कम रोशनी में देखने और जीवित रहने में मदद करती है. अगली बार जब आप रात में किसी चमकती आंख को देखें, तो समझें कि यह विज्ञान और नेचर का कमाल है, न कि कोई डरावना दृश्य.

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