Fish Farming: नवंबर से मौसम में बदलाव आएगा सर्दियों की शुरुआत हो जाएगी. मौसम में बदलाव का असर इंसान के साथ-साथ मवेशियों हेल्थ पर भी पड़ेगा. ऐसे में मौसम के हिसाब से भोजन में बदलाव करने की जरूरत होगी, नहीं तो हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है. खास कर सर्दी के मौसम में मवेशियों को अच्छी तरह से देखरेख करनी चाहिए. यहां तक कि मछली पालकों को भी सर्दी में विशेष ध्यान देने की जररूत पड़ती है, नहीं तो मछलियों को ठंड लगने की संभावना बढ़ जाता है. क्योंकि ठंडे पानी की वजह से मछलियों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है. अगर सही देखभाल और प्रबंधन किया जाए तो नुकसान कम किया जा सकता है.
एक्सपर्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर सही तरह से देखरेख नहीं की तो सर्दियों में मछली पालन में 60 फीसदी तक नुकसान हो सकता है. क्योंकि ठंड के मौसम में मछलियां जल्दी बीमार पड़ती हैं और उनका विकास भी रुक जाता है. इसलिए जरूरी है कि किसान सही तकनीकों का इस्तेमाल करें ताकि ये परेशानियां न आएं.
तलाबा में डालें चूना पत्थर
सर्दियों में मछलियों की अच्छी देखभाल के लिए पानी की गुणवत्ता पर खास ध्यान देना बहुत जरूरी है. पानी का पीएच स्तर 7 से 8 के बीच रखना चाहिए. पानी के संतुलन के लिए तालाब में चूने का इस्तेमाल करें. लगभग एक एकड़ तालाब में 100 किलो चूना पत्थर डालना सही रहता है. चूना पानी को साफ करता है और यह प्रक्रिया हर 10 से 15 दिन में दो से तीन महीने तक दोहराएं. अगर किसान चाहें, तो तालाब में कॉपर सल्फेट का उपयोग भी कर सकते हैं, जिससे तालाब में कवक (फंगस) संक्रमण से बचाव होता है.
ठंड से बचाने के लिए क्या करें
साथ ही मछली पालक पानी की सफाई नियमित रूप से करें, क्योंकि यह मछलियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है. खतरनाक कीट और बैक्टीरिया खत्म करने के लिए आप जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा तालाब के पानी को समय-समय पर बदलते रहें, ताकि वह साफ और संक्रमित न हो. अगर बहुत ज्यादा ठंड पड़ रही हो तो तालाब के ऊपर तिरपाल बिछा दें, ताकि मछलियां ठंड से बच सकें. मछलियों का नियमित निरीक्षण करें. अगर मछलियों में कोई बीमारी के लक्षण दिखें तो तुरंत इलाज शुरू करें.
सर्दी में मछलियों को खिलाएं ये आहार
सर्दी में मछलियों को हल्का और आसानी से पचने वाला खाना देना चाहिए, जैसे गेहूं से बना दाना या व्हीटजर्म पैलेट. ज्यादा प्रोटीन वाला खाना न दें, क्योंकि ठंडे पानी में मछलियां उसे पचा नहीं पातीं और इससे परेशानी हो सकती है. क्योंकि ठंड में उनका पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं करता.