अच्छे बीजों से गेहूं उपज 25 फीसदी बढ़ी, दुनिया में हम दूसरे सबसे बड़े उत्पादक

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गेहूं उत्पादन में आज भारत दुनिया में चीन के बाद दूसरे नंबर पर है. हम केवल अपना पेट नहीं भर रहे हैं, बल्कि कई देशों के पेट भर रहे हैं. हमारा उद्देश्य है प्रति एकड़ उत्पादन बढ़ाना है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 22 Apr, 2025 | 04:38 PM

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जलवायु अनुकूल किस्मों की वजह से 25 फीसदी गेहूं का उत्पादन बढ़ा है. बीते 10 साल में यह उत्पादन आंकड़ा बढ़ा है. गेहूं उत्पादन में आज भारत दुनिया में चीन के बाद दूसरे नंबर पर है. हम केवल अपना पेट नहीं भर रहे हैं, बल्कि कई देशों के पेट भर रहे हैं. हमारा उद्देश्य है प्रति एकड़ उत्पादन बढ़ाना है. कृषि मंत्री ने कहा कि विकसित भारत विकसित खेती के बिना और समृद्ध किसान के बिना नहीं हो सकता है.

विकसित खेती के बिना विकसित भारत संभव नहीं

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज हरियाणा के करनाल में ICAR- भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान में कृषि मंत्री ने जीन एडिटिंग लैब (Gene Editing Laboratory) का उद्घाटन किया और किसानों से संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि विकसित भारत विकसित खेती के बिना और समृद्ध किसान के बिना नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि किसान की उपज और कमाई बढ़े.

हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक

कृषि मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन खतरों के बावजूद अनुकूल किस्मों की वजह से बीते 10 साल के दौरान गेहूं के उत्पादन में 25 फीसदी की उछाल दर्ज की गई है. उन्होंने आगे कहा कि गेहूं उत्पादन में आज भारत दुनिया में चीन के बाद दूसरे नंबर पर है. उन्होंने कहा कि हम केवल अपना पेट नहीं भर रहे हैं, बल्कि कई देशों के पेट भर रहे हैं. हमारा उद्देश्य है प्रति एकड़ उत्पादन बढ़ाना है. एक समय था जब 5-6 क्विंटल एक एकड़ में हो जाए तो बहुत माना जाता था. अब 18-20 क्विंटल गेहूं पैदा करना सामान्य बात हो गई है. लेकिन, हाल के दिनों में उन्नत किस्म के जरिए 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार दर्ज की गई है. यह आंकड़ा आम किसान भी हासिल कर सकते हैं.

पराली जलाकर मित्र कीटों को मार रहे किसान

कृषि मंत्री ने मिट्टी की गिरती उर्वरा शक्ति पर चिंता जताई.  उन्होंने कहा कि पराली जलाने से खेतों में मित्र कीट मारे जाते हैं. अगर वह जिंदा रहें तो मिट्टी का स्वास्थ्य बेहतर बना रहे. लेकिन, हम धरती का ख्याल नहीं रखते हैं. उन्होंने कहा कि मेरी आजीविका का साध खेती और पशुपालन है.

86 फीसदी किसानों के पास एक हेक्टेयर भी जमीन नहीं

उन्होंने कहा कि हमारे यहां खेती की जोत काफी कम है. 86 फीसदी ऐसे किसान हैं जिनके पास 1 हेक्टेयर के नीचे जमीन है. अब इस जमीन में ही हमें उत्पादन बढ़ाना है. इसके लिए सबसे बड़ा साधन हैं उन्नत बीज. हमें बीज अच्छे चाहिए, बीज और किस्में तैयार करने का काम आईसीएआर से जुड़े संस्थान कर रहे हैं. ऐसे बीज बनाए जा रहे हैं, जिनमें पानी की खपत कम हो रही है.

डेयरी संस्थान देश का गौरव है

हरियाणा के करनाल में ICAR- राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान के 21वें दीक्षांत समारोह में कृषि मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान (NDRI) देश का गौरव है. भारत अत्यंत प्राचीन और महान राष्ट्र है. मैं दुनिया के अनेक देशों में गया हूं लेकिन जो बात भारत में है, वह कहीं और नहीं. हमारी शिक्षा केवल हमारे लिए नहीं है, हमारे देश, हमारे समाज के लिए भी है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने विकसित भारत के निर्माण का संकल्प लिया है. एक वैभवशाली, गौरवशाली, संपन्न, समृद्ध और शक्तिशाली भारत और इन सबको मिला दें तो विकसित भारत. विकसित भारत के लक्ष्य को पाना है तो हम सभी को जुटना पड़ेगा.

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Published: 22 Apr, 2025 | 04:23 PM

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