Weather Updates: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले तीन महीने के मौसम की भविष्यवाणी की है. उसने दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 तक मौसम अपडेट जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि इस बार मौसम काफी अलग तरह का हो सकता है. मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में ज्यादा ठंड पड़ेगी, जबकि हिमालयी क्षेत्रों और पूर्वोत्तर राज्यों में मौसम सामान्य से गर्म रह सकता है. यह बदलाव कमजोर लानीना और बदलते मौसम पैटर्न की वजह से हो रहा है. IMD के अनुसार, इस सर्दी में मध्य भारत और उससे जुड़े उत्तर-पश्चिम व प्रायद्वीपीय इलाकों में तापमान सामान्य से कम या सामान्य के आस-पास रहने की संभावना है.
IMD के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 के बीच इन क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रह सकता है, जबकि देश के बाकी हिस्सों में रात का तापमान सामान्य से ज्यादा रहने की उम्मीद है. उन्होंने यह भी कहा कि दिन का तापमान यानी अधिकतम तापमान भी देश के कई इलाकों में सामान्य या उससे कम रह सकता है. IMD के मुताबिक, इस बार पश्चिमी हिमालय, हिमालय की तराई, पूर्वोत्तर राज्यों और देश के कुछ पूर्वी-पश्चिमी हिस्सों में दिन का तापमान सामान्य से ज्यादा रह सकता है, जो इन इलाकों की पारंपरिक सर्दियों से बिल्कुल उलट है.
ठंड के दिनों की बढ़ सकती है संख्या
फोरकास्ट में एक बड़ी चिंता यह भी है कि इस बार ठंड की लहर वाले दिनों की संख्या बढ़ सकती है. राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में चार से पांच अतिरिक्त ठंड के दिन देखने को मिल सकते हैं. आमतौर पर इन राज्यों में दिसंबर से फरवरी के बीच चार से छह दिन की ही ठंड की लहर आती है, यानी इस बार ठंड के दौर पहले से ज्यादा तेज और कठोर हो सकते हैं.
3 से 5 दिसंबर के बीच चलेगी शीतलहर
IMD प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने चेतावनी दी है कि 3 से 5 दिसंबर के बीच उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में एक और ठंड की लहर आ सकती है. उन्होंने कहा कि इस सर्दी पर एक वैश्विक मौसम कारक कमजोर लानीना अभी भी असर डाल रहा है. लानीना यानी प्रशांत महासागर के मध्य और पूर्वी हिस्सों में समुद्र के पानी का ठंडा होना, जो आमतौर पर मॉनसून को मजबूत करता है और उत्तर भारत में ज्यादा ठंड लाता है. लेकिन इस बार लानीना कमजोर है, इसलिए इसका असर पूरी तरह समान नहीं होगा और अलग-अलग क्षेत्रों में अलग तरह महसूस होगा. इसके बावजूद देश के ज्यादातर हिस्सों में नवंबर का तापमान सामान्य से कम या सामान्य रहा.