Diwali 2025: आज के दिन चारों ओर दीयों और रोशनी की जगमगाहट देखने को मिलेगी, पूरे हर्ष और उल्लास के साथ लोग दिवाली पर मां लक्ष्मी भगवान गणेश और धने के देवता कुबेर की पूजा करेंगे. पूजा के बाद बच्चे पटाखें जलाएंगे. लेकिन भारत में दीपावली केवल रोशनी और खुशियों का पर्व नहीं है, बल्कि यह धार्मिक आस्था और परंपराओं से भी गहराई से जुड़ा हुआ है. ऐसी मान्यता है कि आज यानी दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन के साथ ही पितरों का श्राद्ध करने का भी बहुत महत्व है और ये एक पुरानी परंपरा भी है. माना जाता है कि इस दिन पितरों की पूजा करने से उनके आशीर्वाद से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है.
दिवाली पर पितरों के श्राद्ध का महत्व
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, अमावस्या का दिन पितरों को तृप्त करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है. क्योंकि अमावस्या की रात को दिवाली का त्योहार और पूजन किया जाता है, इसलिए दिन में पितरों का श्राद्ध करने का अपना एक विशेष महत्व है. कहते हैं कि, इस दिन पितरों का श्राद्ध करने से वे प्रसन्न होते हैं और परिवार को दीर्घायु, धन और सौभाग्य का आशीर्वाद देते हैं. बता दें कि, श्राद्ध के दौरान पितरों को भोग में तिल, जल, दूध और विशेष तरह का भोग चढ़ाया जाता है. इसके अलावा दिवाली के दिन पितरों के नाम से ब्राह्मण या गरीबों को भोजन कराना भी बेहद ही शुभ माना जाता है.
पूजा का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल दिवाली के 3 शुभ मुहूर्त हैं. जिसमें से पहला शुभ मुहूर्त (प्रदोष काल)- शाम 05 बजकर 46 मिनट से रात 08 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. वहीं दूसरा शुभ मुहूर्त (वृषभ काल)- शाम 7 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 03 मिनट तक और तीसरा शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. इस तरह के दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन के लिए करीब 1 घंटा और 11 मिनट का समय मिलेगा.
इस विधि से करें लक्ष्मी पूजन
दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन करने से पहले घर की पूर्व या उत्तर दिशा में एक साफ जगह पर चौकी रखकर उसपर लाल या गुलाबी रंग का साफ कपड़ा बिछाएं और उसपर मां लक्ष्मी और भहवान गणेश की मूर्ति को स्थापित करें. ध्यान रहे कि लक्ष्मी जी को दाहिनी ओर और गणेश जी को बाईं ओर स्थान देना है. इसके बाद भगवान गणेश और मां लक्ष्मी दोनों की विधिवत पूजा आरंभ करें. पूजा के दौरान लक्ष्मी-गणेश को लाल फूल, कमल, चावल, इत्र, फल और मिठाई अर्पित करें. बता दे कि, मां लक्ष्मी को खील और बताशे बहुत पसंद है इसलिए ये दोनों चीजें जरूर चढ़ाएं.
पूजा के बाद घर के सभी कोनों में दीपक जलाकर मां लक्ष्मी का स्वागत करें. मान्यता के अनुसार, घर की उत्तर दिशा, मुख्य द्वार, छत और नल के पास दीपक जरूर जलाएं और घर के जिस कोने में अंधेरा रहता है, वहां भी एक दीपक लगाएं.