Fish Farming: कड़ाके की ठंड में मछलियों पर मंडरा रहा खतरा, पानी सही रखा तो कई गुना बढ़ेगी कमाई

सर्दियों में पानी का तापमान गिरते ही मछली पालन सबसे ज्यादा प्रभावित होता है. इस मौसम में तालाब की साफ-सफाई, पानी का संतुलन, सही भोजन और नियमित जांच बेहद जरूरी है. विशेषज्ञों के मुताबिक, सही देखभाल अपनाने से किसान उत्पादन घटने से बच सकते हैं और अच्छे लाभ की उम्मीद भी कर सकते हैं.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 5 Dec, 2025 | 06:45 AM

Fish Farming : ठंड का मौसम आते ही खेतों में कामकाज की रफ्तार धीमी हो जाती है, लेकिन मछली पालन करने वालों की चिंता तेजी से बढ़ने लगती है. पानी का तापमान गिरते ही तालाब में रहने वाली मछलियां सुस्त होने लगती हैं, खाना कम खाती हैं और उनका विकास भी धीमा पड़ जाता है. कई किसान बताते हैं कि सर्दियों में अगर थोड़ी-सी भी लापरवाही हो जाए, तो मछलियों में मौत का खतरा बढ़ जाता है और उत्पादन आधा से भी कम होने लगता है. लेकिन अच्छी बात यह है कि अगर तालाब, पानी और मछलियों की सही देखभाल की जाए, तो सर्दियों में भी मछली पालन उतना ही लाभदायक हो सकता है जितना गर्मियों में होता है. यही कारण है कि विशेषज्ञ समय-समय पर किसानों को सर्दियों में अपनाए जाने वाले खास उपाय बताते रहते हैं.

ठंड के असर को समझना जरूरी है

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सर्दियों में मछलियों  के शरीर का तापमान पानी के तापमान के साथ बदलता है. जैसे-जैसे पानी ठंडा होता है, मछलियों की सक्रियता कम होने लगती है. वे तालाब के गहरे भागों में जाने लगती हैं, जहां पानी थोड़ा गर्म होता है. इसी वजह से उनका खाना पचने की क्षमता भी कम हो जाती है. अगर पानी अचानक ठंडा हो जाए, तो मछलियां तनाव में आ जाती हैं और बीमार भी हो सकती हैं. किसानों का कहना है कि इस समय सबसे मुश्किल हिस्सा यह होता है कि मछलियां खाने में रूचि कम दिखाती हैं, जिससे उनकी ग्रोथ रुक जाती है. यही वजह है कि ठंड के असर को समझना और उसी हिसाब से तालाब का प्रबंधन करना बेहद जरूरी हो जाता है.

पानी की गुणवत्ता बनाए रखने की अहम भूमिका

सर्दियों में तालाब  के पानी की गुणवत्ता सबसे महत्वपूर्ण होती है. अगर पानी खराब हो जाए, तो मछलियां बीमार  पड़ सकती हैं और बड़े नुकसान का खतरा बढ़ जाता है. पानी का pH स्तर सामान्य रहना चाहिए, जो मछलियों के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है. किसान आमतौर पर चूने का उपयोग करके पानी को संतुलित रखते हैं, जिससे पानी साफ भी रहता है और मछलियों के रहने के लिए अनुकूल वातावरण भी बनता है. कुछ किसान तालाब में कॉपर सल्फेट का प्रयोग भी करते हैं, जिससे पानी में मौजूद हानिकारक तत्व नियंत्रित रहते हैं. हालांकि, इसका उपयोग सही मात्रा में और सही समय पर करना जरूरी है, ताकि मछलियों पर कोई बुरा असर न पड़े.

पानी की सफाई से मछलियों को मिलता है सुरक्षित माहौल

सर्दियों में पानी की सफाई का खास ध्यान रखना पड़ता है, क्योंकि ठंडे मौसम में पानी की गुणवत्ता  तेजी से खराब होती है. कई किसान तालाब के पानी को शुद्ध करने के लिए पोटैशियम परमैंगनेट का प्रयोग करते हैं, जिससे पानी में मौजूद नुकसानदायक जीव कम हो जाते हैं. कुछ किसान कीटों की समस्या होने पर हल्दी जैसे प्राकृतिक पदार्थों का उपयोग करते हैं, जिससे तालाब में मौजूद कीटों को नियंत्रित किया जा सकता है. तालाब की नियमित सफाई और पानी के स्तर की निगरानी करने से मछलियों की सेहत अच्छी रहती है और वे ठंड में भी ठीक से बढ़ती रहती हैं. अगर पानी ठंडा हो रहा हो, तो समय-समय पर थोड़ा पानी बदलना भी फायदेमंद माना जाता है.

पानी का तापमान नियंत्रित रखना क्यों जरूरी है

सर्दियों में मछली पालन  की सबसे बड़ी चुनौती पानी का तापमान है. यह वही चीज है जो मछलियों के खाने से लेकर बढ़ने और स्वस्थ रहने तक हर चीज को प्रभावित करती है. अगर पानी बहुत ज्यादा ठंडा हो जाए, तो मछलियां सुस्त हो जाती हैं और सतह पर कम दिखती हैं. कुछ किसान तालाब को ऊपर से तिरपाल या प्लास्टिक शीट से ढककर पानी का तापमान थोड़ा संतुलित रखने की कोशिश करते हैं. इससे हवा की ठंडक सीधे पानी तक नहीं पहुंचती और तापमान में तेजी से गिरावट नहीं आती. कई विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि तालाब के तापमान को रोजाना जांचना चाहिए, ताकि ठंड बढ़ने पर समय रहते उपाय किए जा सकें. इससे मछलियों को ठंड से बचाया जा सकता है और नुकसान कम होता है.

मछलियों के स्वास्थ्य की नियमित जांच जरूरी

सर्दियों में मछलियां सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा संवेदनशील हो जाती हैं. इसलिए उनकी रोजाना जांच करना बेहद जरूरी है. अगर मछलियां पानी की सतह पर बार-बार आती दिखें, कम खाती हों या किनारे पर सुस्त पड़ी हों, तो इसका मतलब है कि पानी में कुछ समस्या है या वे बीमार हो सकती हैं. बीमार मछलियों को तुरंत पहचानकर तालाब के बाकी हिस्से से अलग करना जरूरी होता है, ताकि बीमारी फैल न सके. कई किसान बताते हैं कि अगर समय पर बीमारी पकड़ ली जाए, तो तालाब का पूरा स्टॉक बचाया जा सकता है और उत्पादन पर ज्यादा असर नहीं पड़ता.

सही भोजन से मिलता है बेहतर उत्पादन

सर्दियों में मछलियां धीरे-धीरे खाना खाती हैं और उनके शरीर को गर्म रखने के लिए ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है. इसलिए भोजन का चुनाव बहुत समझदारी से करना पड़ता है. किसान बताते हैं कि इस मौसम में हल्का लेकिन पोषक भोजन देना ज्यादा फायदेमंद होता है, ताकि मछलियों का विकास बना रहे. इसके साथ ही, भोजन हमेशा मात्रा देखकर देना चाहिए, क्योंकि जरूरत से ज्यादा भोजन से पानी खराब हो जाता है और मछलियां बीमार पड़ सकती हैं. कई विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सर्दियों में भोजन दिन में एक बार कम मात्रा में देना बेहतर रहता है. इससे खाना बर्बाद भी नहीं होता और मछलियों को जरूरत भर पोषण भी मिल जाता है.

सही देखभाल से सर्दियों में भी बढ़ेगी कमाई

सर्दियों में मछली पालन मुश्किल जरूर होता है, लेकिन असंभव नहीं. तालाब का साफ-सुथरा माहौल, पानी की गुणवत्ता, नियमित जांच और सही भोजन-ये चार चीजें अगर ठीक से कर ली जाएं, तो मछली पालन बेहद फायदे का सौदा साबित हो सकता है. कई किसान बताते हैं कि सर्दियों में थोड़ी ज्यादा सावधानी बरतकर वे अच्छे मुनाफे कमा लेते हैं. क्योंकि जब मछलियां स्वस्थ रहती हैं, तो उनका वजन भी अच्छा बढ़ता है और बाजार में उनकी कीमत भी बेहतर मिलती है. इसलिए किसान चाहे छोटे पैमाने पर मछली पालन करें या बड़े पैमाने पर, अगर वे इन बातों का ध्यान रखें तो सर्दियों का मौसम भी उनके लिए कमाई का बेहतरीन मौका बन सकता है.

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Published: 5 Dec, 2025 | 06:45 AM

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