तालाब में नमक के साथ डालें ये चीज, मछलियां नहीं पड़ेंगी बीमार.. तेजी से बढ़ेगा वजन

मछलियों की सेहत के लिए तालाब के पानी का तापमान सबसे अहम है. सर्दी के मौसम में पानी औसत से ज्यादा ठंडा हो जाता है. साथ ही जल में ऑक्सीजन  का स्तर भी कम हो जाता है. ऐसे में मछलियों की सेहत पर असर पड़ता है. इससे मछलियों की ग्रोथ रूक जाती है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 13 Nov, 2025 | 02:32 PM

Fish Farming: मछली पालन अब एक बिजनेस का रूप लेता जा रहा है. अब सीमांत किसानों के साथ-साथ बड़े किसान भी मछली पालन कर रहे हैं. इससे किसानों की अच्छी कमाई हो रही है. लेकिन सर्दी के मौसम में मछली पालकों की परेशान बढ़ जाती है. क्योंकि ज्यादा ठंड पड़ने पर मछलियों के सेहत पर असर असर पड़ता है. अगर समय रहते मछलियों की सही देखरेख नहीं की गई, तो उनका तबीयत बिगड़ जाती है. ऐसे में उनका विकास रूक जाता है. कई बार तो ज्यादा ठंड पड़ने पर मछलियों की मौत तक हो जाती है. इसलिए सर्दी में मछली पालक अच्छी कमाई करना चाहते हैं, तो मछलियों की अच्छी देखरेख करनी चाहिए.

एक्सपर्ट के मुताबिक, मछलियों की सेहत के लिए तालाब के पानी का तापमान सबसे अहम है. सर्दी के मौसम में पानी औसत से ज्यादा ठंडा हो जाता है. साथ ही जल में ऑक्सीजन  का स्तर भी कम हो जाता है. ऐसे में मछलियों की सेहत पर असर पड़ता है. इससे मछलियों की ग्रोथ पर भी असर पड़ता है. ऐसे मछलियों के लिए पानी का तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए और पानी में पर्याप्त ऑक्सीजन होनी चाहिए. खास बात यह है कि मौसम में बदाल आते ही मछलियों के आहार में चेंजिंग कर देनी चाहिए. यानी मछलियों को समय-समय पर प्रोटीनयुक्त आहार देना चाहिए. प्रोटीन की गोलियां तालाब  में डालने से मछलियों को पोषण मिलता है और उनकी ग्रोथ बढ़ती है. साथ ही ठंड में सुस्ती या बीमारियों का खतरा कम होता है.

पानी में नमक और चूना डालने के फायदे

जानकारों का कहना है कि सर्दी के मौसम में तालाब का पानी ठंडा हो जाता है. ऐसे में मछलियों की परतों में बदलाव आ सकता है. तालाब में आमतौर पर तीन परतें होती हैं. ऊपरी में कतला, बीच में रोहू और निचली में मंगल नस्ल की मछलियां रहती हैं. इसलिए इनका संतुलन बनाए रखना जरूरी है. इसिलए छमली पालकों को प्रतिदिन 2-3 घंटे ताजा पानी चलाना चाहिए, ताकि ऑक्सीजन बनी रहे और मछलियां  स्वस्थ रहें. साथ ही पानी में नमक और चूना डालने से हानिकारक बैक्टीरिया खत्म होते हैं और मछलियां बीमार नहीं होतीं.

मछलियों की ग्रोथ और उत्पादन 

अगर मछलियों में सुस्ती, खाना न खाना या सतह पर बार-बार आना जैसी कोई असामान्यता दिखे, तो तुरंत मत्स्य विभाग या विशेषज्ञ से सलाह लें, वरना मछलियों की मौत का खतरा बढ़ सकता है. अभी बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब  सहित कई राज्यों में मछली पालन तेजी से बढ़ रहा है. इससे किसानों को अच्छा मुनाफा भी मिल रहा है. अगर किसान मौसम के अनुसार पानी का तापमान और आहार नियंत्रित रखें, तो ठंड में भी मछलियों की ग्रोथ और उत्पादन बढ़ सकता है.

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Published: 13 Nov, 2025 | 02:28 PM

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