बाढ़ से पंजाब-हरियाणा की बासमती फसल को नुकसान, क्या यूपी और एमपी से पूरी होगी विदेशी मांग?

पंजाब इस समय देश का प्रमुख बासमती उत्पादक राज्य है. इस साल पंजाब में बासमती की कुल खेती का क्षेत्रफल लगभग 7.6 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल 10.04 लाख हेक्टेयर था. वहीं बाढ़ ने पंजाब की बासमती की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 23 Sep, 2025 | 03:23 PM

Rice Export: देश में बासमती चावल की खेती और निर्यात हमेशा से एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि रही है. पंजाब और हरियाणा देश के कुल बासमती उत्पादन का लगभग 75 फीसदी हिस्सा देते हैं, लेकिन हाल ही में आई बाढ़ ने इन राज्यों की फसल को प्रभावित किया है. इस संकट के बावजूद विदेशों में बासमती की मांग बढ़ने की संभावना है, जिससे निर्यातक अब अन्य राज्यों की ओर ध्यान दे रहे हैं.

पंजाब और हरियाणा में बाढ़ का असर

मिंट की खबर के अनुसार, अप्रैल से अगस्त 2025 तक बासमती चावल का निर्यात मात्रा के हिसाब से लगभग 15 फीसदी बढ़कर 3.1 मिलियन टन और मूल्य के हिसाब से 16 फीसदी बढ़कर 1.74 बिलियन डॉलर रहा. हालांकि, पंजाब और हरियाणा में हालिया बाढ़ ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है. निर्यातक अब हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से अतिरिक्त खरीद करने की योजना बना रहे हैं ताकि बाढ़ के कारण हुई कमी को पूरा किया जा सके.

 KNAM ग्रुप के संस्थापक और प्रबंध निदेशक अमित गोयल के अनुसार, “पंजाब और हरियाणा में बाढ़ ने फसल और लॉजिस्टिक दोनों ही तरह की चुनौतियां पैदा की हैं. नुकसान का सही आंकड़ा अभी तय नहीं किया जा सका है, लेकिन निर्यातक अन्य राज्यों से खरीद बढ़ाने की योजना बना रहे हैं.”

अन्य राज्यों में अच्छी पैदावार

अल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (AIREA) के अनुसार, शुरूआती अनुमान के मुताबिक पंजाब में 10-15 फीसदी फसल प्रभावित हुई है. इस कमी की भरपाई हरियाणा और उत्तर प्रदेश की अच्छी पैदावार से की जा सकती है. मध्य प्रदेश में भी बासमती की खेती तेजी से बढ़ रही है और यहां से निर्यात में मदद मिल सकती है.

इस साल भारत की कुल बासमती निर्यात लक्ष्य 6.5 मिलियन टन रखा गया है, जो पिछले साल 6.06 मिलियन टन था. मूल्य में भी निर्यात बढ़कर 5.94 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है.

निर्यातकों के सामने वैश्विक चुनौतियां

हालांकि निर्यात को अमेरिकी आयात शुल्क (US tariffs) जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन निर्यातक इस नुकसान की भरपाई के लिए मध्य पूर्व, यूरोप, एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे नए बाजार तलाश रहे हैं. इन नए बाजारों में निर्यात को बढ़ाकर अमेरिकी शुल्क का असर कम किया जा सकता है.

बाजार और मूल्य में बदलाव

अप्रैल-अगस्त 2025 में निर्यात की मात्रा और मूल्य में वृद्धि हुई है. मूल्य वृद्धि 10-14 फीसदी तक घरेलू बाजार में भी दर्ज की गई है. इस समय हरियाणा मंडियों में बासमती की कीमत 3,200 रुपये प्रति क्विंटल के आस-पास है, जो पिछले साल 2,800-2,900 रुपये थी.

फसल का क्षेत्रफल और उत्पादन

पंजाब इस समय देश का प्रमुख बासमती उत्पादक राज्य है. इस साल पंजाब में बासमती की कुल खेती का क्षेत्रफल लगभग 7.6 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल 10.04 लाख हेक्टेयर था. हरियाणा में 9.35 लाख हेक्टेयर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 7.63 लाख हेक्टेयर और मध्य प्रदेश में 6.55 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर बासमती की खेती होती है. राजस्थान में यह संख्या 2.03 लाख हेक्टेयर है. कुल मिलाकर, पूरे देश में इस साल बासमती का कुल क्षेत्रफल 34.44 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल 37.28 लाख हेक्टेयर था.

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