धान भारत में उगाए जाने वाली परंपरागत फसलों में से एक है. धान का उत्पादन भारत में बहुत ज्यादा होता है. धान के उत्पादन के लिए पानी की बहुत जरूरत होती है. आज जब दुनिया जलवायु परिवर्तन से जैसी समस्याओं से जूझ रही है तब हमारे लिए जरूरी है हम पानी जैसै प्राकृतिक संसाधनों का जलवायु के हिसाब से इस्तेमाल करें. इसी कड़ी में आज की जरूरत के अनुसार जलवायु स्मार्ट खेती पर जोर दिया जा रहा है. खासकर धान की खेती में धान की ऐसी किस्मों का प्रयोग किया जा रहा है जो कम पानी, कम समय में बेहतर उपज देकर किसानों की आय बढ़ाने में सहायक साबित हो रही हैं. ऐसे में आइये जानते हैं धान की सबसे बढ़िया किस्मों के बारे में.
1. पूसा DST चावल1
धान की इस किस्म को आईएआरआई नई दिल्ली द्वारा विकसित किया गया है. यह 1010 किस्म से तैयार की गई है. धान की इस किस्म की खास बात यह है कि यह सूखा और लवणीय मिट्टी दोनों को सहन करने की क्षमता रखती है. मुश्किल परिस्थितियों में भी यह 20 परसेंट तक पैदावार देती है.
2. पूसा बासमती 1509
धान की यह किस्म केवल पंद्रह दिनों में तैयार हो जाती है. यह पारंपरिक किस्मों की तुलना में 33 परसेंट तक पानी की बचत करती है. चूकि इसको तैयार होने में कम समय लगता है इसीलिए गेहूं की समय पर बुवाई हो जाती है.
3. पूसा आरएच 60
यह धान की सबसे सुगंधित, लंबा दाना देने वाली हाइब्रिड किस्म है. मार्केट में इस किस्म की मांग बहुत है. बिहार और उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों में इसकी मांग बहुत अधिक है.
4. पूसा नरेन्द्र KN1 और CRD KN2
यह पारंपरिक कालानमक चावल का उन्नत रूप है. ये बेहतर उपज देने में सक्षम है और कीट और रोग प्रतिरोधी भी है, जिससे किसानों को कीटनाशक पर अधिक पैसा खर्च नहीं करना पड़ता है जिससे उनकी खेती की लागत में बचत होती है.
5. पूसा 2090
धान की यह किस्म 120-125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इसकी उत्पादन की बात करें तो प्रति एकड़ 34 से 35 क्विंटल तक पैदावर हो सकती है. यह किस्म पर्यावरण के अनुकूल है क्योंकि इस किस्म में फसल कटाई के बाद पराली जलाने की जरुरत कम पड़ती है.
6. डीआरआर धान100 (कमला)
धान की यह भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान हैदराबाद द्वारा विकसित किया गया है. यह किस्म जल्दी पककर तैयार हो जाती है. खास बात यह है कि यह किस्म मीथेन उत्सर्जन को कम करती है. धान की यह किस्म परंपरागत किस्मों की तुलना में 19 परसेंट तक अधिक उपज देती है. इसके अलावा इसे पर्यावरण के अनुकूल मानी गई है.
7. स्वर्णा-सब1
धान की यह किस्म बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है. इस किस्म का पौधा 14 दिनों तक पानी के नीचे जीवित रह सकता है. इस किस्म के दाने छोटे और मोटे होते हैं जो स्थानीय उपभोग के लिए उपयोगी हैं.
8. सामुलाई-144
यह धान की बेस्ट क्वालिटी मानी जाती है. यह किस्म 140 से 150 दिनों में तैयार हो जाती है. इस किस्म को लंबे समय तक उगाया जा सकता है. इस किस्म की मार्केट में अच्छी मांग रहती है यही कारण है की इसका बेहतर मूल्य मिलता है.
9. एराइज हाइब्रिड
धान की यह बीज दक्षिण एशिया में काफी लोकप्रिय है. यह किस्म बड़े स्तर पर व्यवसायिक खेती के लिए उपयोगी मानी जाती है. यह किस्म अन्य पारंपरिक किस्मों की तुलना में अधिक उपज देती है.
10. सीआर धान 108
धान की यह किस्म 110 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. यह किस्म वर्षा आधारित खेती के लिए काफी अच्छी है. विशेष रुप से ओडिशा व बिहार जैसे राज्यों के लिए, जहां अनियमित बारिश सामान्य है.
 
 
                                                             
                             
                             
                             
                             
 
 
                                                     
                                                     
                                                     
                                                    