बारिश में लंगड़ा बुखार की चपेट में आया पशु? दिखें ये 5 लक्षण तो तुरंत इलाज शुरू करें

बरसात में लंगड़ा बुखार पशुओं को तेजी से अपनी चपेट में लेता है. अगर पशु लंगड़ाने लगे या बुखार में तपे तो लक्षण पहचानना और तुरंत इलाज जरूरी है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 19 Jun, 2025 | 11:48 AM

बरसात का मौसम आते ही पशुओं में कई तरह की बीमारियां देखने को मिलती हैं. इन्हीं में से एक है लंगड़ा बुखार, जो खासतौर पर गाय-भैंस जैसे दुधारू पशुओं को तेजी से अपनी चपेट में लेता है. यह बीमारी धीरे-धीरे शरीर को अंदर से कमजोर कर देती है. शुरू में दिखने वाले लक्षण आम लग सकते हैं, लेकिन अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो पशु की हालत बिगड़ सकती है. ऐसे में जरूरी है कि आप लंगड़ा बुखार के लक्षणों को पहचानें और इलाज में देर न करें.

1. तेज बुखार पहला संकेत

लंगड़ा बुखार की शुरुआत अक्सर तेज बुखार से होती है. इस दौरान पशु का शरीर तपने लगता है और उसका तापमान 104 से 106 फ़ैरेनहाइट तक पहुंच जाता है. इतना ज्यादा बुखार न सिर्फ उसकी ताकत छीन लेता है, बल्कि धीरे-धीरे उसकी हालत को भी बिगाड़ने लगता है.

2. खाना-पीना छोड़ देता है पशु

लंगड़ा बुखार में पशु खाना-पीना छोड़ देता है. न तो उसे भूख लगती है, न ही वह पानी पीता है. लगातार भूखे-प्यासे रहने से उसका शरीर तेजी से कमजोर होने लगता है और उसकी रोगों से लड़ने की ताकत यानी इम्यून सिस्टम भी धीरे-धीरे टूटने लगता है.

3. पैरों में सूजन और लंगड़ाहट

लंगड़ा बुखार का सबसे पहचानने लायक लक्षण है पैरों में सूजन. यह सूजन आमतौर पर पशु के अगले या पिछले पैरों में दिखाई देती है. सूजन की वजह से पशु ठीक से चल नहीं पाता और लंगड़ाने लगता है. कई बार तो दर्द इतना ज्यादा होता है कि वह चलने से भी कतराने लगता है.

4. पैरों में तेज दर्द और खून का रिसाव

अगर लंगड़ा बुखार समय पर नहीं रुका तो स्थिति और बिगड़ जाती है. बीमारी बढ़ने पर पशु के पैरों में तेज और असहनीय दर्द होने लगता है. कई बार सूजन घुटनों के ऊपर तक पहुंच जाती है. ऐसे में अगर सूजन कम करने के लिए चीरा लगाया जाए तो वहां से खून बहने लगता है, जो कि बीमारी के गंभीर होने का संकेत है.

5. सूजन बढ़े तो खतरा

लंगड़ा बुखार की हालत बिगड़ने पर सूजन सिर्फ पैरों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ने लगती है. कई मामलों में यह सूजन पशु की कमर और कंधों तक पहुंच जाती है. ऐसी स्थिति में पशु को खड़ा होना या चलना तक मुश्किल हो जाता है.

6- बरसात में ज्यादा फैलता है रोग

पशु विशेषज्ञों के अनुसार, लंगड़ा बुखार खासतौर पर बरसात के मौसम में तेजी से फैलता है. नमी और कीचड़ से भरे वातावरण में यह रोग ज्यादा सक्रिय हो जाता है. हालांकि, अब गर्मी के समय भी इसके कुछ मामले सामने आने लगे हैं, जो चिंता की बात है.

7- बचाव ही बेहतर उपाय

लंगड़ा बुखार से बचने का सबसे अच्छा तरीका है समय पर टीकाकरण कराना. खासकर बरसात से पहले पशुओं को इस रोग से बचाने वाला टीका लगवाना चाहिए. इसके अलावा, पशुओं के रहने की जगह को साफ और सूखा रखना भी जरूरी है. ऐसे में सतर्कता और जानकारी ही इस बीमारी से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है

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Published: 19 Jun, 2025 | 11:34 AM

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