बागवानी फसलों के लिए 22 जिलों में 400 क्लस्टर बनेंगे, जापानी तकनीक का होगा इस्तेमाल

हरियाणा के 22 जिलों में बागवानी क्लस्टर बनाने की घोषणा की गई है. जापानी तकनीक का इस्तेमाल करके बागवानी किसानों को अधिक मुनाफा दिलाया जाएगा. सरकार ने खर्च होने वाली रकम भी मंजूर कर दी है.

Kisan India
Noida | Published: 6 Apr, 2025 | 03:30 PM

बागवानी उत्पादों के बढ़ते निर्यात ने इन फसलों की खेती को बढ़ाने के लिए किसानों और सरकारों को प्रेरित किया है. यही वजह है कि हरियाणा सरकार ने राज्य में बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. इसके तहत राज्य के 22 जिलों में बागवानी क्लस्टर बनाने की घोषणा की है, जिसमें जापानी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. इसका उद्देश्य बागवानी उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ किसानों को अधिक मुनाफा दिलाना है.

बागवानी क्लस्टर योजना की राशि 95 फीसदी बढ़ाई

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि बागवानी क्लस्टर योजना के तहत आवंटित राशि को 95.50 फीसदी से बढ़ाकर 1068.89 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इससे किसानों को बागवानी फसलों की खेती के लिए सब्सिडी, राहत राशि और इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही उन्होंने मशरूम कम्पोस्ट और स्पॉन, हाईटेक हाईड्रोपोनिक्स और ऐरोपोनिक्स के जरिए खेती करने के लिए बिजली आपूर्ति को भी सस्ता कर दिया है.

400 बागवानी क्लस्टर बनाने की घोषणा

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि राज्य में बागवानी के तहत 400 क्लस्टर बनाए जाएंगे, जिनमें जापान सरकार की सहायता से अगले 9 वर्षों में 2738 करोड़ रुपये की लागत से नया सतत बागवानी प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा. साथ ही 2025-26 के लिए इस योजना के तहत 138 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है.

स्मार्ट खेती पर बिजली बिल घटाया

मुख्यमंत्री ने बिजली दरों में कटौती करते हुए मशरूम कम्पोस्ट और स्पॉन, हाईटेक हाईड्रोपोनिक्स और ऐरोपोनिक्स, एफपीओ के 20 किलोवाट से अधिक लोड वाले कोल्ड स्टोरों को 7.50 रुपये के बजाय 6.50 रुपये प्रति यूनिट के दरों पर बिजली देने की घोषणा की है. राज्य सरकार ने सीधे 1 रुपया प्रति यूनिट पर घटा दिया है. इससे आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से स्मार्ट खेती को बढ़ावा मिलेगा.

डेयरी उद्योग के लिए बड़ी घोषणा

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दूध सेस के भुगतान में देरी होने पर लगने वाले 24 प्रतिशत जुर्माने को घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे डेयरी उद्योग को काफी राहत मिलेगी. मिल्क प्लांट को चलाना आसान हो जाएगा और मिल्क प्रॉसेसिंग इंडस्ट्री में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में हरियाणा की स्थिति बेहतर करेगा. इसके साथ ही राज्य में दूध उत्पादन को और भी बढ़ावा देने के लिए सहकारिता से मजबूती देने पर जोर दिया गया है.

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Published: 6 Apr, 2025 | 03:30 PM

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