भीगते ही बढ़ने लगती हैं पशुओं की बीमारियां, जानिए बचाव के आसान तरीके

बारिश के मौसम में पशुओं के बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है, खासकर न्यूमोनिया, ब्रोंकाइटिस, गलघोंटू और खुरपका-मुंहपका जैसी बीमारियों का. ऐसे में पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए उपाय जरूरी हो जाते हैं.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 17 Jun, 2025 | 08:41 PM

बारिश का मौसम आते ही पशुपालकों की चिंता बढ़ जाती है. खेत-खलिहान में कीचड़, भीगा हुआ चारा और हवा में फैली नमी, ये तीनों मिलकर मवेशियों के लिए कई गंभीर बीमारियों का खतरा पैदा कर देते हैं. खासकर न्यूमोनिया, ब्रोंकाइटिस, गलघोंटू और खुरपका-मुंहपका जैसी बीमारियां इस मौसम में तेजी से फैलती हैं. अगर समय रहते सावधानी न बरती जाए तो दूध देने वाले पशुओं की सेहत पर सीधा असर पड़ता है और नुकसान भी होता है. ऐसे में पशुपालकों को साफ-सफाई, चारे की देखरेख, सूखी जगह और बीमारी के लक्षणों पर नजर रखते हुए पहले से तैयारी करनी चाहिए.

सूखे स्थान पर बांधें पशुओं को

बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा खतरा खुरपका-मुंहपका जैसी बीमारी का होता है, जिसमें मवेशियों के पैरों में घाव हो जाते हैं. यह बीमारी तब फैलती है जब पशु लगातार कीचड़ या गीली ज़मीन पर बंधे रहते हैं. इसलिए पशुओं को हमेशा सूखी, साफ और हवादार जगह पर रखें. ध्यान दें कि यदि पैर गीले हो जाएं तो उन्हें कपड़े से अच्छी तरह सुखाएं.

भीगा चारा खिलाने से बचें

बरसात में हरा चारा जल्दी सड़ जाता है, जिससे उसमें फंगस या संक्रमण हो सकता है. संक्रमित चारा गलघोंटू जैसी जानलेवा बीमारी का कारण बनता है. इसलिए पशुओं को हमेशा सूखा, साफ और ताजा चारा ही खिलाएं. अगर चारे में नमी है तो उसे पहले सुखाएं. इसके अलावा, भूसे में अगर जाला या फफूंदी दिखे तो धोकर और सुखाकर ही पशुओं को खिलाएं.

न्यूमोनिया और ब्रोंकाइटिस से बचाव जरूरी

बरसात में जब मवेशी लगातार भीगते हैं तो उनमें सर्दी, न्यूमोनिया और ब्रोंकाइटिस का खतरा बढ़ जाता है. इन बीमारियों से बचाने के लिए जरूरी है कि पशु भीगने के बाद तुरंत पोंछ दिए जाएं और उन्हें गर्म व हवादार स्थान में रखा जाए. इस समय छोटे बछड़ों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है.

खानपान में रखें विशेष सावधानी

बारिश में ज्यादा हरा चारा देना भी नुकसानदायक हो सकता है. इससे पेट की गड़बड़ी या दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं. अगर यूरिया मोलासिस ट्रीटमेंट उपलब्ध हो तो वही चारा दें. क्योंकि इससे चारा की क्वालिटी भी बढ़ेगी और पाचन भी आसान होगा. चारा देते समय हमेशा याद रखें कि स्वस्थ आहार ही पशु स्वास्थ्य की पहली शर्त है.

बारिश के मौसम में थोड़ी सी लापरवाही पशुओं की जान को जोखिम में डाल सकती है. इसलिए साफ-सफाई, सूखा चारा, हवादार बाड़ा और समय पर इलाज जैसे छोटे-छोटे कदम उठाकर आप अपने पशुओं को बरसात में भी तंदुरुस्त रख सकते हैं.

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Published: 17 Jun, 2025 | 04:36 PM

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