पन्ना का हीरा बनेगा इंटरनेशनल ब्रांड! जल्द मिलेगा GI टैग, बढ़ेगी पहचान और वैल्यू

मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के मशहूर हीरों को जल्द ही GI (Geographical Indication) टैग मिलने वाला है. इससे इन हीरों की कानूनी सुरक्षा तय होगी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनकी ब्रांड वैल्यू कई गुना बढ़ेगी.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 4 Jul, 2025 | 05:55 PM

मध्य प्रदेश का पन्ना जिला अब सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में अपनी चमक बिखेरने को तैयार है. पन्ना के मशहूर हीरों को जल्द ही ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (GI) टैग मिलने वाला है. इसके साथ ही ये हीरे एक विशेष ‘ब्रांड लोगो’ के साथ बाजार में आएंगे और ‘पन्ना डायमंड’ के नाम से वैश्विक पहचान बनाएंगे.

दरअसल, चेन्नई स्थित इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी इंडिया कार्यालय ने हीरा खनन विभाग से भौगोलिक स्थिति, उत्पादन क्षमता, उत्पादकों की संख्या और पन्ना के हीरों की खासियत से जुड़ी जानकारी मांगी थी. जिला खनिज कार्यालय ने यह डिटेल भेज दी है, जबकि ब्रांड लोगो भी एक-दो दिन में भेजा जाएगा.

हीरों की पहचान बनेगी ‘ब्रांड पन्ना’

GI टैग  मिलने के बाद देश-विदेश में कोई और पन्ना के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा. इससे इन हीरों की कानूनी सुरक्षा तय होगी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनकी ब्रांड वैल्यू कई गुना बढ़ेगी. यानी, एक तरह से कहा जा सकता है कि पन्ना का हीरा अब ‘सरकारी मुहर’ के साथ बिकेगा.

अगस्त तक पूरी होगी GI टैग की प्रक्रिया

प्रसार भारती के मुताबिक, पन्ना के हीरा कार्यालय ने साल 2023 में GI टैग के लिए आवेदन किया था. अब इसकी बची हुई प्रक्रिया अगस्त 2025 तक पूरी होने की उम्मीद है. प्रक्रिया पूरी होने के बाद पन्ना के हीरों पर ‘पन्ना GI’ टैग लगाया जाएगा.

वहीं, पन्ना जिले के कलेक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि GI टैग मिलने से पन्ना के हीरों को कानूनी पहचान, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांड वैल्यू और खरीदारों का भरोसा मिलेगा. अब कोई भी दूसरा क्षेत्र पन्ना के नाम से हीरों की बिक्री नहीं कर पाएगा, जिससे स्थानीय व्यापार को भी मजबूती मिलेगी.

Panna Diamond Brand

पन्ना जिले के कलेक्टर सुरेश कुमार

पन्ना के हीरों की खासियत

पन्ना के हीरों में हल्का हरा रंग और अंदर की कार्बन लाइन बेहद साफ होती है, जो इन्हें दूसरे हीरों से अलग बनाती है. इन हीरों की कटिंग और चमक बेहतरीन होती है, इसलिए ये अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी खास माने जाते हैं. अब इन हीरों पर GI टैग और ब्रांड मोनो लगाया जाएगा, जिससे खरीदार को प्रमाणित हीरा मिलेगा और पन्ना के हीरों पर भरोसा और बढ़ेगा.

स्थानीय कारोबारियों को मिलेगा फायदा

पन्ना के हजारों लोग हीरे की खुदाई, कटिंग और ट्रेडिंग से जुड़े हुए हैं. GI टैग मिलने से उन्हें बेहतर कीमत और बड़ा बाजार मिलेगा. इससे न सिर्फ उनकी आय बढ़ेगी, बल्कि पन्ना की पहचान भी वैश्विक स्तर पर मजबूत होगी. इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय खरीदारों का विश्वास भी बढ़ेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को सीधा फायदा पहुंचेगा.

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Published: 4 Jul, 2025 | 05:55 PM

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