प्राकृतिक खेती से किसान की बदली किस्मत, केवल बटन मशरूम बेचकर कर रहा लाखों में कमाई

राजस्थान के संजय यादव प्राकृतिक खेती और डेयरी उत्पादों के जरिए अच्छी कमाई कर रहे हैं. बिना केमिकल की खेती से वे बाजार में बेहतर दाम पाते हैं. इससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है.

नोएडा | Updated On: 1 Aug, 2025 | 04:20 PM

राजस्थान में सैकड़ों किसान प्राकृतिक खेती से बंपर कमाई कर रहे हैं. इन्हीं किसानों में से एक हैं संजय यादव, जो सीकर जिले के रहने वाले हैं. वे 13 बीघा जमीन पर  प्राकृतिक खेती से भी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. उन्होंने, डेयरी बिजनेस, सब्जी और मशरूम की खेती के जरिए यह कर दिखाया है कि बिना केमिकल की खेती करना भी फायदेमंद हो सकता है.

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, संजय के पास खुद की 4 बीघा जमीन है और उन्होंने 9 बीघा जमीन सालाना 18,000 रुपये किराए पर ली है. यह जमीन सीकर शहर से 15 किलोमीटर दूर पीपराली गांव में है. यहां वे प्राकृतिक तरीके से सब्जियां और मक्का उगाते हैं. ऐसे संजय के पास 6 गायें और 2 भैंसें भी हैं. इनसे उन्हें इतना गोबर मिल जाता है कि वह खुद ही जैविक खाद बना लेते हैं. इससे उनकी खेती में किसी भी केमिकल खाद की जरूरत नहीं पड़ती.

बटन मशरूम से बंपर कमाई

संजय ने 20 x 30 फीट का एक अस्थायी शेड बनाया है, जहां वे सर्दियों में बटन मशरूम और गर्मियों में ऑयस्टर मशरूम उगाते हैं. इससे उन्हें खेती के साथ-साथ अतिरिक्त आमदनी भी होती है. उनका यह मॉडल दिखाता है कि अगर किसान सोच बदले और खेती के नए तरीके अपनाएं, तो बिना केमिकल के भी अच्छी कमाई संभव है. संजय यादव का कहना है कि पिछले साल मैंने बटन मशरूम बेचकर 2.1 लाख रुपये कमाए. मेरी रोजाना 6 से 8 किलो तक बिक्री होती थी. इसकी खास बात ये है कि इसमें मुझे कोई खर्च नहीं करना पड़ता, क्योंकि सारी सामग्री मेरी अपनी खेती से ही मिल जाती है.

सब्जियों से भी हो रही अच्छी इनकम

संजय 2012 से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और अपनी सब्जियां सीकर शहर में बेचते हैं. क्योंकि वे केमिकल का इस्तेमाल नहीं करते, इसलिए उन्हें बाजार में सामान्य सब्जियों की तुलना में 5 रुपये से 10 रुपये प्रति किलो ज्यादा दाम मिलते हैं. इस तरह, बिना रासायनिक खाद या कीटनाशक के भी संजय अच्छी कमाई कर रहे हैं और अपने मॉडल से यह साबित कर रहे हैं कि प्राकृतिक खेती लाभदायक हो सकती है.

65 रुपये लीटर बीकता है भैंस का दूध

संजय के मुताबिक, प्राकृतिक खेती से मिलने वाला उत्पादन रासायनिक खाद और कीटनाशक वाली खेती के बराबर होता है, लेकिन लागत बहुत कम होती है. वो कहते हैं, पिछले सीजन में मैंने एक बीघा जमीन पर कद्दू और मक्का साथ में लगाए थे. 120 दिन में मुझे 6 क्विंटल मक्का और 3.5 क्विंटल कद्दू मिला. भारत में कद्दू का औसत उत्पादन 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता है, यानी लगभग 50 क्विंटल प्रति बीघा. ऐसे में संजय की प्राकृतिक खेती का उत्पादन भी ठीक है. संजय के घर की देशी गायों का दूध परिवार खुद इस्तेमाल करता है, जबकि बाकी पशुओं का दूध बाजार में बेचते हैं. गाय का दूध 38 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 62- 65 रुपये प्रति लीटर बिकता है.

Published: 1 Aug, 2025 | 04:11 PM