Water Conservation: मौसम में होने वाले बदलाव के चलते लगातार घटते जलस्तर को देखते हुए केंद्र सरकार जल संरक्षण पर जोर दे रही है. इसी के चलते केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री चंद्रकांत रघुनाथ पाटिल ने मिलकर महात्मा गांधी नरेगा (MNREGA) के अंतर्गत ‘जल सुरक्षा पर राष्ट्रीय पहल’ का शुभारंभ किया. इस दौरान कृषि मंत्री ने बताया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में ये फैसला किया गया है कि मनरेगा को मिलने वाली कुल राशि का 65 फीसदी जल संरक्षण पर खर्च किया जाएगा, ताकि भू- जलस्तर को बढाने और जल संरक्षण अभियान को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके.
राष्ट्रीय प्राथमिकता है जल सुरक्षा
कृषि मंत्री ने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ने महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत जल सुरक्षा को एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाया है, जिसके तहत देशभर में पानी के संकट से जूझ रहे इलाकों में जल संरक्षण से जुड़े कामों में तेजी लाने के लिए और उन्हें प्राथमिकता पर करने के लिए महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम, 2005 की अनुसूची में संशोधन किया गया है. कृषि मंत्री ने पीएम मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी लगातार जल संरक्षण के क्षेत्र में लगे हुए हैं और इस दिशा में देश को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने ‘कैट द रेन’, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, जल संरक्षण के लिए अमृत सरोवर के निर्माण सहित कई अलग-अलग अभियानों के माध्यम से जल संरक्षण पर जोर दिया है.
मनरेगा का 65 फीसदी जल संरक्षण को जाएगा
कृषि मंत्री ने बताया कि पीएम मोदी ने काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक में निर्देश दिया था कि मनरेगा योजना के अंतर्गत जो राशि मिलती है, उसका निश्चित भाग जल संरक्षण के कामों में खर्च किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पीएम के निर्देश पर ही देश के जिन इलाकों में पानी की बहुत ज्यादा समस्या है वहां जल संरक्षम के कामों के लिए मनरेगा की 65 फीसदी राशि को खर्च किया जाएगा वहीं जिन इलाकों में पानी की समस्या कुछ कम है वहीं मनरेगा की 40 फीसदी राशि का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके अलावा जिन इलाकों में पानी की समस्या नहीं है वहां स्थिति को संतुलित रखने के लिए मनरेगा की 30 फीसदी राशि जल संरक्षण से जुड़े कामों में लगाई जाएगी.
जल संरक्षण अभियान को मिलेगी तेजी
कृषि मंत्री ने बताया की केंद्र सरकार की ओर से जल संरक्षण के लिए गए इस फैसले से देशभर में भूजल स्तर बढ़ाने और जल संरक्षण अभियान को गति मिलेगी. उन्होंने कहा कि भारत ने भविष्य की चिंता करते हुए जल संरक्षण को प्राथमिकता दी है. उन्होंने आगे बताया की पीएम मोदी के नेतृत्व में कई अभियानों में विशेष ध्यान दिया गया है, जिनमें अमृत सरोवर योजना में 50 हजार के लक्ष्य के मुकाबले 68 हजार सरोवर बनाए गए हैं.