राजस्थान सरकार ने सिंचाई को किफायती और कारगर बनाने के लिए सरकार ने सिंचाई पाइपलाइन योजना शुरू की है, जिसके तहत किसानों को अधिकतम 60 फीसदी का अनुदान दिया जा रहा है. इस योजना का उद्देश्य किसानों को ट्यूबवैल या कुएं से खेतों तक पानी बिना बर्बादी के पहुंचाने का है. यह योजना न केवल पानी की बचत करेगी, बल्कि सिंचाई की प्रक्रिया को भी आसान और किफायती बनाएगी.
25 प्रतिशत तक पानी की बचत करना
सिंचाई पाइपलाइन योजना का उद्देश्य खेतों तक पानी की आपूर्ति को और अधिक प्रभावी और सुविधाजनक बनाना है. ट्यूबवैल या कुएं से पानी को सीधे खेतों तक पाइपलाइन के माध्यम से पहुंचाने से 20-25 प्रतिशत तक पानी की बचत हो सकती है. इसके अलावा, इससे किसानों को सिंचाई की लागत भी कम होगी और समय की बचत भी होगी.
18 हजार रुपये का अनुदान
इस योजना के तहत, लघु एवं सिमान्त कृषकों को इकाई लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 18 हजार रुपये तक अनुदान मिलेगा, जबकि अन्य किसानों को 50 प्रतिशत या अधिकतम 15,000 रुपये तक अनुदान दिया जाएगा.
योजना की शर्तें
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को कुछ विशेष पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा. किसानों के पास कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व होना चाहिए और उन्हें कुएं पर विद्युत, डीजल या टैक्टर चलित पंप सेट होना चाहिए.
हिस्सेदारों को अलग-अलग मिलेगा अनुदान
इस योजना की खास बात यह है कि अगर कोई साझेदार कुंआ है तो सभी हिस्सेदार अलग-अलग अनुदान का लाभ उठा सकते हैं, बशर्ते उनका भूमि स्वामित्व अलग-अलग हो. साझा जल स्रोत होने की स्थिति में सभी साझेदारों को अलग-अलग अनुदान मिलेगा.
ऐसे करें आवेदन
इस योजना के तहत आवेदन करना बेहद सरल है. किसान राज किसान साथी पोर्टल पर लॉगिन कर या नजदीकी ई-मित्र केन्द्र से आवेदन कर सकते हैं. आवेदन के साथ उन्हें आधार कार्ड, जनाधार कार्ड और जमाबंदी की नकल, जो 6 माह से ज्यादा पुरानी न हो जैसे जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे. आवेदन के बाद, कृषक को ऑनलाइन प्राप्ति रसीद मिलेगी.
पर्यवेक्षक के माध्यम से जानकारी मिलेगी
आवेदन के बाद, कृषि विभाग द्वारा पाइपलाइन की खरीद के लिए स्वीकृति दी जाएगी. पाइपलाइन की खरीद केवल कृषि विभाग में पंजीकृत निर्माता या उनके अधिकृत वितरकों से की जा सकती है. खरीदारी के बाद विभाग द्वारा सत्यापन किया जाएगा और अनुदान राशि सीधे कृषक के बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी. इस योजना के तहत सिंचाई पाइपलाइन की खरीद कृषि विभाग की स्वीकृति के बाद ही की जा सकती है. इसके अलावा, कृषि विभाग पाइपलाइन की खरीदी और इंस्टॉलेशन के बाद निरीक्षण किया जाएगा. स्वीकृति के बाद किसानों को मोबाइल संदेश और कृषि पर्यवेक्षक के माध्यम से जानकारी मिलेगी.