तुअर खरीद की समयसीमा फिर बढ़ी, MSP पर 28 मई तक बेच सकेंगे किसान

केंद्र सरकार ने किसानों की मांग को मानते हुए तुअर दाल की सरकारी खरीद की अंतिम तारीख बढ़ाकर 28 मई 2025 तक कर दी है. इससे पहले यह तारीख 13 मई तक थी.

नई दिल्ली | Published: 26 May, 2025 | 08:12 AM

महाराष्ट्र के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है. केंद्र सरकार ने किसानों की मांग को मानते हुए तुअर दाल की सरकारी खरीद की अंतिम तारीख बढ़ाकर 28 मई 2025 तक कर दी है. इससे पहले यह तारीख 13 मई तक थी. महाराष्ट्र के लाखों किसानों के लिए यह एक सुनहरा मौका है कि वे अपनी तुअर की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरकारी एजेंसियों को बेच सकें.

सरकार ने बढ़ाई खरीद की समय सीमा

महाराष्ट्र में तुअर की खरीद के लिए किसानों ने ऑनलाइन पंजीकरण कर अपनी फसल बेचने की इच्छा जताई थी. अब सरकार ने नाफेड और NCCF के माध्यम से चल रही इस खरीद योजना की समय सीमा बढ़ाकर 28 मई तक कर दी है, जो पहले 30 अप्रैल थी, फिर बढ़ाकर 13 मई की गई थी, लेकिन MSP से कम कीमत मिलने के कारण कई किसान अभी भी सरकारी खरीद का इंतजार कर रहे थे. अब समय सीमा बढ़ने से ये किसान अपनी उपज सरकारी मंडियों में बेच सकेंगे, जिससे उन्हें बेहतर दाम मिलेगा.

तुअर की खरीद और उत्पादन के आंकड़े

महाराष्ट्र में अब तक करीब 1.37 लाख किसानों ने तुअर बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. 13 मई तक करीब 69,000 किसानों से 1,02,951 मीट्रिक टन तुअर की खरीद हो चुकी थी. केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र से कुल 2,97,430 मीट्रिक टन तुअर खरीदने को मंजूरी दी है. इसके लिए 764 खरीद केंद्र सक्रिय हैं. वर्तमान में तुअर का MSP 7,550 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो बाजार की कीमतों से बेहतर है.

फसल उत्पादन और बाजार की स्थिति

खरीफ सीजन में तुअर का उत्पादन लगभग 35 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल की तुलना में थोड़ा बढ़ा है. देश में तुअर की मांग लगभग 38 लाख टन है. व्यापारियों के अनुसार इस साल करीब 10 लाख टन तुअर का आयात हो सकता है. सरकार ने 31 मार्च 2026 तक तुअर के ड्यूटी फ्री आयात की भी मंजूरी दी है. बाजार में ज्यादातर जगह तुअर की कीमतें MSP से नीचे चल रही हैं, इसलिए MSP पर सरकारी खरीद किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रही है.

किसानों के लिए राहत

इस फैसले से किसानों को फसल बेचने में आसानी होगी और वे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी तुअर की फसल सुरक्षित रूप से बेच सकेंगे. समय सीमा बढ़ने से जो किसान अभी तक सरकारी खरीद योजना का लाभ नहीं उठा पाए थे, उन्हें भी अब मौका मिल गया है. इससे किसानों की आय में सुधार होगा और वे बेहतर दाम पा सकेंगे.