हरियाणा में जल संकट से राहत की उम्मीद, 72 घंटे में गांव-शहर तक पहुंचेगा पानी

जल संकट की समस्या पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के बंटवारे को लेकर शुरू हुई थी. पिछले दो हफ्तों से भाखड़ा नंगल डैम से हरियाणा को मिलने वाला पानी आधा रह गया था, जिससे 13 जिलों में पीने के पानी का भारी संकट खड़ा हो गया था.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 23 May, 2025 | 07:47 AM

हरियाणा इन दिनों गंभीर जल संकट से गुजर रहा है. लोगों को न सिर्फ पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है, बल्कि गांवों और शहरों में टैंकरों से आपूर्ति ही एकमात्र सहारा बनी हुई थी. लेकिन अब राहत की खबर है कि राज्य सरकार ने दावा किया है कि अगले 48 से 72 घंटे में हालात सामान्य हो जाएंगे और सभी 1693 जलघरों में पानी की नियमित आपूर्ति शुरू हो जाएगी.

पंजाब से पानी छोड़ा गया

दरअसल, ये जल संकट की समस्या पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के बंटवारे को लेकर शुरू हुई थी. पिछले दो हफ्तों से भाखड़ा नंगल डैम से हरियाणा को मिलने वाला पानी आधा रह गया था, जिससे 13 जिलों में पीने के पानी का भारी संकट खड़ा हो गया था. लेकिन अब पंजाब सरकार ने हरियाणा के हिस्से का पानी छोड़ दिया है और इससे संकट काफी हद तक टलने की उम्मीद है.

ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा असर

हरियाणा के जलघरों में से करीब 1613 जलघर ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और इन्हीं इलाकों में पानी की सबसे ज्यादा किल्लत रही. शहरों के मुकाबले गांवों में वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी कम हैं, जिससे लोगों को पीने के पानी के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ा. कहीं एक दिन छोड़कर पानी मिल रहा था, तो कहीं सिर्फ एक बार ही सप्लाई हो रही थी. लेकिन अब अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जल्द ही दोनों समय पानी की आपूर्ति शुरू हो जाएगी.

सरकार अलर्ट मोड पर, मंत्री ने बुलाई आपात बैठक

जल संकट को देखते हुए जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री श्रुति चौधरी ने विभागीय अधिकारियों के साथ आपात बैठक की और सभी को फील्ड में मौजूद रहने के आदेश दिए. सिंचाई विभाग और जल आपूर्ति विभाग के बीच तालमेल बैठाकर फील्ड में काम किया गया, जिससे संकट वाले इलाकों तक पानी पहुंच सके. कई जगहों पर नए नलकूप भी खुदवाए गए हैं ताकि हालात पर जल्दी काबू पाया जा सके.

टैंकरों और नलकूपों से बनी वैकल्पिक व्यवस्था

जल संकट के समय सरकार ने टैंकरों के जरिए पानी की आपूर्ति की. वहीं, जिन इलाकों में हालात ज्यादा गंभीर थे, वहां नए नलकूपों का सहारा लिया गया. इससे लोगों को अस्थायी राहत मिली, लेकिन असली राहत अब तभी आएगी जब जलघर फिर से सामान्य रूप से चलने लगेंगे.

किन जिलों में सबसे ज्यादा असर?

प्रदेश के 13 जिले जैसे कैथल, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, झज्जर, रोहतक, जींद, नारनौल और रेवाड़ी की पेयजल आपूर्ति मुख्य रूप से भाखड़ा नंगल डैम और वेस्टर्न यमुना कैनाल (WJC) पर निर्भर है. पानी की आपूर्ति जब घटकर आधी हो गई, तो इन जिलों में हालात बिगड़ते चले गए.

अब जब भाखड़ा से पानी छोड़ा जा चुका है और मॉनसून आने की उम्मीद भी मौसम विभाग ने जताई है, तो हरियाणा को अगले कुछ हफ्तों में जल संकट से राहत मिलने की उम्मीद है. फिलहाल सरकार और प्रशासन अलर्ट मोड में है और लोगों से अपील की जा रही है कि पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करें.

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