बिहार पूरे विश्व का लगभग 90% मखाना पैदा करता है. यह सिर्फ एक फसल नहीं बल्कि बिहार की पहचान और किसानों की मेहनत का प्रतीक है. लेकिन दुख की बात है कि इस उद्योग की रीढ़ बनने वाले किसान और मजदूर, जिन्हें आज भी उनका हक नहीं मिलता.
चुनाव से पहले बिहार के दौरे पर चल रहे राहुल गांधी ने इन किसानों के हक की बात कही है. उन्होंने कहा असल मेहनत इन किसानों और मजदूरों की है, लेकिन जब मुनाफे की बात आती है तो उनका हिस्सा 1% से भी कम है.
उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा आज बड़े शहरों में यही मखाना 1000 से 2000 रुपए किलो तक बिकता है. लेकिन जिन किसानों ने इसे पैदा किया, जिन्हें असल मेहनत का फल मिलना चाहिए, उन्हें सिर्फ नाममात्र की कमाई होती है. यह एक तरह का शोषण है जो अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
इस उद्योग में काम करने वाले ज्यादातर किसान और मजदूर अतिपिछड़े, दलित और बहुजन समाज से आते हैं. इन 99% मेहनतकशों की पूरी ताकत, पूरी मेहनत, पूरी ज़िंदगी इसी काम में चली जाती है. लेकिन असली फायदा सिर्फ 1% को मिलता है.
उन्होंने आगे कहा वोट चोर सरकार को इनकी न तो कदर है, न ही फिकर. न इन्हें आय देने की कोशिश की गई, न न्याय. किसान और मजदूर सिर्फ़ वादों और खोखली बातों में फंसे रह गए, जबकि असल में उनके जीवन स्तर को सुधारने की कोई ठोस कोशिश नहीं की गई.
राहुल गांधी ने आखिर में कहा, ‘मैं साफ कहना चाहता हूं वोट का अधिकार और हुनर का हक, यह दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं और इन दोनों को हम खोने नहीं देंगे. मैं किसानों के साथ खड़ा हूं और तब तक खड़ा रहूंगा जब तक उन्हें उनकी मेहनत का असली हक नहीं मिल जाता.’