प्राकृतिक खेती से किसानों की आमदनी बढ़ेगी, सरकार ने तय किए न्यूनतम दाम और योजना

हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देते हुए गेहूं, मक्का, हल्दी और दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है. इससे किसानों की आय बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.

Kisan India
नोएडा | Published: 24 Aug, 2025 | 04:57 PM

हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाते हुए प्राकृतिक तरीके से उगाए गए गेहूं, मक्का और हल्दी पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय किया है. यह निर्णय किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

प्राकृतिक फसलों के लिए MSP का ऐतिहासिक फैसला

तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने बिलासपुर जिले के औहर में आयोजित किसान गोष्ठी में बताया कि प्रदेश सरकार ने गेहूं के लिए 60 रुपये प्रति किलो, मक्का के लिए 40 रुपये प्रति किलो और कच्ची हल्दी के लिए 90 रुपये प्रति किलो न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है. इससे हिमाचल प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने प्राकृतिक खेती को इस तरह का विशेष समर्थन दिया है. यह कदम रासायनिक खेती से हटकर प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए उठाया गया है.

दूध उत्पादकों के लिए MSP तय

सरकार ने गाय के दूध का MSP 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध का MSP 61 रुपये प्रति लीटर तय किया है. इससे पशुपालकों की आमदनी में सुधार होगा. मंत्री ने बताया कि इस पहल के बाद मिल्कफैड के माध्यम से दूध खरीद में तीन गुना वृद्धि हुई है. कांगड़ा जिले के ढगवार में दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र भी स्थापित किया जा रहा है, जो दूध के बेहतर उपयोग और उत्पादों के उत्पादन में मदद करेगा.

सहकारी समितियों का सशक्तिकरण

ग्रामीण स्तर पर दूध और कृषि सहकारी समितियां गठित की गई हैं, जिनसे किसानों और पशुपालकों को सीधे लाभ मिल रहा है. ये समितियां किसानों को उनके उत्पाद का उचित दाम दिलाने, बाजार तक पहुंच बढ़ाने और उत्पादन बढ़ाने में मदद कर रही हैं. मंत्री ने अधिक से अधिक किसानों को इन समितियों से जुड़ने का आह्वान किया.

विभागों का समन्वित प्रयास

मंत्री राजेश धर्माणी ने कृषि, बागवानी, पशुपालन, रेशम और मत्स्य विभागों से किसानों, बागवानों और पशुपालकों के हित में मिलकर काम करने की अपील की. उन्होंने मिश्रित खेती को आर्थिक स्थिरता का आधार बताते हुए कहा कि इससे किसान अधिक लाभान्वित होंगे. साथ ही, 1962 पशु एंबुलेंस सेवा को और अधिक प्रभावी बनाने पर भी जोर दिया गया ताकि यह छुट्टियों में भी निर्बाध सेवा दे सके.

 मछली पर MSP की उम्मीद

मंत्री ने कहा कि मछुआरों द्वारा दी जाने वाली रॉयल्टी 15 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत की गई है और भविष्य में इसे पूरी तरह खत्म करने की योजना है. इसके अलावा, मछली के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने पर विचार किया जा रहा है, जिससे मछुआरों की आय सुदृढ़ होगी.

प्राकृतिक खेती अपनाने की जरूरत

मंत्री ने चेतावनी दी कि रासायनिक खेती के कारण खाद्यान्नों की गुणवत्ता खराब हो रही है और स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, जिससे कैंसर जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं. उन्होंने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने और स्वस्थ उत्पाद उगाने का आग्रह किया. युवाओं को भी खेती से जोड़ने के लिए आईटीआई में कृषि, बागवानी और पशुपालन पर नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं, ताकि उन्हें आधुनिक तकनीकों की जानकारी मिले और वे बेहतर रोजगार पा सकें.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%