Mandi Bhav: एक हफ्ते में डबल हो गई सब्जियों की कीमत, 140 रुपये किलो सेम.. जानें बैंगन-परवल का रेट

ओडिशा में भारी बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है और सब्जियों की कीमतें तेजी से बढ़ गई हैं. सेम, ककोड़ा, सहजन जैसी सब्जियां 120 से 140 रुपये किलो बिक रही हैं. इससे आम लोगों के किचन का बजट बिगड़ गया है.

Kisan India
नोएडा | Published: 3 Jul, 2025 | 06:55 PM

Vegetable price hike: ओडिशा के कई हिस्सों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जहां खेतों में पानी भर दिया है, वहीं कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात बना दिए हैं. इसका सीधा असर सब्जियों की कीमतों पर पड़ा है, जिससे आम लोग परेशान हैं और किसान भी नुकसान में हैं. बारिश के चलते राज्यभर की मंडियों में जरूरी सब्जियों के दाम तेजी से बढ़े हैं. कुछ सब्जियां तो 124 से 140 रुपये किलो बिक रही हैं. भुवनेश्वर और अन्य शहरों में सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि बैंगन, तुरई, सेम और टमाटर जैसी रोजमर्रा की सब्जियों की कीमतें पिछले हफ्ते के मुकाबले लगभग दोगुनी हो गई हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महंगाई का आलम यह है कि कुछ सब्जियों के खुदरा दाम (vegetables retail prices) 120 से 140 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं, जो इलाके और माल की ताजगी पर निर्भर कर रहे हैं. फिलहाल सेम की कीमत लगभग 140 रुपये प्रति किलो हो गई है, जो एक हफ्ते पहले 100 रुपये थी. इसी तरह ककोड़ा (स्पाइन गार्ड) के दाम भी दोगुने होकर 60 से बढ़कर 120 रुपये प्रति किलो पहुंच गए हैं. खास बात यह है कि सहजन की कीमत भी बढ़ गई है. पहले यह 100 रुपये प्रति किलो था, अब 120 रुपये में बिक रहा है.

80 रुपये किलो बिक रहीं ये सब्जियां

इसके अलावा बैंगन, तुरई, परवल और खीरे जैसी रोज की सब्जियों के दाम भी तेजी से बढ़े हैं. इनकी कीमतें अब 80 रुपये प्रति किलो के आसपास चल रही हैं. वहीं, भारी बारिश के कारण परिवहन व्यवस्था बाधित हो गई है और निचले इलाकों की खेती को भी नुकसान पहुंचा है, जिससे हालात और बिगड़ गए हैं. स्थानीय किसानों का कहना है कि उनकी फसल जो कटाई के लिए तैयार थी, वह या तो पानी में डूब गई है या बह गई है. वहीं, व्यापारियों को नियमित स्रोतों से ताजी सब्जियां लाने में मुश्किल हो रही है, जिससे बाजार में सब्जियों की कमी हो गई है और दाम तेजी से बढ़े हैं.

थोक दाम पहले से काफी बढ़ गए

सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि थोक दाम पहले से ही काफी बढ़ गए हैं, इसलिए वे ग्राहकों को कोई राहत नहीं दे पा रहे हैं. इस बढ़ती महंगाई से सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी मजदूरों और कम आय वाले परिवारों पर पड़ा है, जो अब या तो कम सब्जी खरीद रहे हैं या फिर सस्ती सब्जियों का विकल्प चुन रहे हैं. जरूरी सब्जियों की कीमतों में अचानक हुई इस बढ़ोतरी पर अब तक किसी जिम्मेदार अधिकारी की ओर से कोई बयान नहीं आया है.

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