केले के चिप्स पर लगा महंगाई का तड़का, कीमत पहुंचीं 500 रुपये पार, जानें वजह

एक तरफ केला काफी सस्ता हो गया है, वहीं नारियल तेल महंगा हो गया है. इसका सीधा असर चिप्स की बिक्री पर पड़ा है. यह हाल सिर्फ केरल तक ही सीमित नहीं है, अन्य राज्यों में केले के चिप्स के दाम आसमान छूने लगे हैं.

नई दिल्ली | Updated On: 5 Aug, 2025 | 07:54 AM

केरल में ओणम का त्योहार नजदीक है और आमतौर पर इस समय बाजारों में चिप्स की मांग तेजी से बढ़ जाती है. लेकिन इस बार चिप्स के लिए जरूरी दो मुख्य चीजों नेंदरन केला और नारियल तेल की कीमतों में बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है. एक तरफ केला काफी सस्ता हो गया है, वहीं नारियल तेल महंगा हो गया है. इसका सीधा असर चिप्स की बिक्री पर पड़ा है. यह हाल सिर्फ केरल तक ही सीमित नहीं है, अन्य राज्यों में केले के चिप्स के दाम आसमान छूने लगे हैं.

नेंदरन केला सस्ता, पर क्यों नहीं बढ़ रही खरीद?

बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, केले की किस्म नेंदरन, जो चिप्स बनाने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल होती है, उसकी थोक कीमतें गिरकर 35 रुपये प्रति किलो हो गई हैं. एक महीने पहले यही दाम 60 रुपये  तक थे. एर्नाकुलम के थोक विक्रेता एल.ए. जोशी के अनुसार, इसकी वजह तमिलनाडु में बड़े पैमाने पर उत्पादन है. वहां की खेती ने केरल की मांग को पूरा करने के लिए इस बार तैयारी ज्यादा की थी. पर आमतौर पर जहां सस्ते केले से चिप्स उद्योग को फायदा होता, वहीं इस बार नारियल तेल की ऊंची कीमतों ने गणित बिगाड़ दिया है. तेल की महंगाई के चलते चिप्स निर्माता कम खरीदारी कर रहे हैं और इसका असर दोनों चीजों की बिक्री पर पड़ रहा है.

नारियल तेल के दाम ने चिप्स को महंगा बना दिया

कोच्चि के मशहूर मालाबार चिप्स के संचालक हैरिस बताते हैं कि नारियल तेल के दाम बढ़कर ₹500 प्रति किलो से ऊपर पहुंच गए हैं. उनके अनुसार, पहले जो चिप्स 440-480 रुपये किलो बिक रही थी, अब वही 560 रुपये तक पहुंच गई है. इसका सीधा असर ग्राहकों पर पड़ा है, लोग अब एक किलो की बजाय 250 या 500 ग्राम ही खरीद रहे हैं. बिक्री में लगभग 10-15 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.

तली हुई केले की स्नैक्स भी प्रभावित

सिर्फ चिप्स ही नहीं, बल्कि पझम पोरी जैसे तले हुए केले के पारंपरिक स्नैक्स बेचने वाले छोटे दुकानदार भी प्रभावित हुए हैं. तेल महंगा होने से उन्हें दाम बढ़ाने या घाटा झेलने की मजबूरी हो गई है. कई चाय की दुकानों पर इन स्नैक्स के दाम बढ़ा दिए गए हैं, जिससे ग्राहकों की संख्या घट गई है.

तमिलनाडु में तेजी से बढ़ी नेंदरन की खेती

आईसीएआर की प्रोफेसर पी. इंद्रादेवी के मुताबिक, तमिलनाडु और कर्नाटक में नेंदरन केले की खेती में हाल के वर्षों में तेजी आई है. अकेले तमिलनाडु में 1.02 लाख हेक्टेयर में केले की खेती हो रही है और 2021-22 में 39.39 लाख टन का उत्पादन हुआ. कोयंबटूर, इरोड, तिरुचिरापल्ली और कन्याकुमारी जिले नेंदरन की खेती के प्रमुख क्षेत्र हैं.

यह किस्म येलक्की, पूवन और रसथली जैसे पारंपरिक केले की तुलना में बेहतर रिटर्न देती है, हालांकि इसकी लागत भी लगभग 15 रुपये प्रति किलो तक है, जो केरल के मुकाबले दोगुनी है.

क्या फिर सुलझेगा बाजार का गणित?

इस सबके बीच उम्मीद की एक किरण दिखाई दे रही है. कोपरा और नारियल तेल के दाम में पिछले हफ्ते 10 रुपये और 6 रुपये प्रति किलो की गिरावट आई है. कोचीन ऑयल मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष थलाथ महमूद का कहना है कि नया कोपरा बाजार में आ रहा है, जिससे कीमतें कम हो सकती हैं. ओणम तक नारियल तेल की कीमत 350 रुपये से नीचे आ सकती है. फिलहाल कोचीन मार्केट में नारियल तेल 382 रुपये और कोपरा 241 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.

Published: 5 Aug, 2025 | 07:54 AM