जहां पहले गांव की महिलाएं बैंक जाने से भी हिचकती थीं, अब वही महिलाएं अपने मोबाइल से ऑनलाइन पेमेंट कर रही हैं. सरकार के हाल ही में जारी सर्वे के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन बैंकिंग करने वाली महिलाओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. 2022-23 में जहां ये आंकड़ा 17.1 फीसदी था, वहीं 2025 की शुरुआत में यह बढ़कर 30 फीसदी हो गया है.
सर्वे बताता है कि 15 से 24 साल की ग्रामीण लड़कियों में डिजिटल बैंकिंग का इस्तेमाल सबसे ज्यादा बढ़ा है. 2022-23 में जहां सिर्फ 19.6 फीसदी युवतियां ऑनलाइन बैंकिंग करती थीं, अब यह संख्या बढ़कर 51.4 फीसदी हो गई है यानी दो साल में ढाई गुना वृद्धि. वहीं, इसी आयु वर्ग के पुरुषों में यह आंकड़ा 40.2 फीसदी से बढ़कर 73.3 फीसदी तक पहुंच गया है. यानी गांव के युवा अब कैश के बजाय मोबाइल से भुगतान करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं.
UPI ने बनाई सबसे आसान राह
इस डिजिटल क्रांति के पीछे सबसे बड़ा हाथ है UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) का. ग्रामीण इलाकों में 86.7 फीसदी लोग सिर्फ UPI के जरिए ऑनलाइन लेनदेन करते हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा 74.4 फीसदी है. इंटरनेट बैंकिंग या अन्य ऐप्स का इस्तेमाल अभी भी कम है.
फोन और इंटरनेट ने बदली तस्वीर
ऑनलाइन बैंकिंग के बढ़ने का एक बड़ा कारण है मोबाइल और इंटरनेट की पहुंच. सर्वे के अनुसार, 15 साल या उससे ज्यादा उम्र के 85.7 फीसदी लोगों ने हाल के तीन महीनों में मोबाइल का इस्तेमाल किया और 70.2 फीसदी लोगों के पास अपना मोबाइल फोन है. गांवों में अब स्मार्टफोन कोई लक्जरी नहीं, बल्कि जरूरत बन चुका है.
खरीदारी भी अब ऑनलाइन
सिर्फ बैंकिंग ही नहीं, अब गांवों में 16 फीसदी परिवार पिछले 30 दिनों में ऑनलाइन कुछ न कुछ खरीद चुके हैं. इनमें सबसे ज्यादा खरीदी गैर-खाद्य सामग्री की हुई है, जैसे कपड़े, जूते, मोबाइल एक्सेसरीज आदि. शहरों में यह आंकड़ा कहीं अधिक है, लगभग 39.4 फीसदी घरों ने ऑनलाइन सामान मंगाया, जिनमें 52.4 फीसदी लोगों ने खाना और दूसरे सामान दोनों खरीदे.
सरकार और RBI को मिली राहत
इस डिजिटल बदलाव से सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को बड़ी सफलता मिली है. सालों से चल रहे “वित्तीय समावेशन” (Financial Inclusion) अभियान का अब जमीन पर असर दिख रहा है. आरबीआई अब डिजिटल पेमेंट पर एक नया सर्वे करने जा रहा है, जिससे यह समझा जा सके कि लोगों को और क्या सुविधाएं चाहिए.