धीमी धान खरीद प्रक्रिया से उग्र हुए किसान, NH-53 को किया जाम.. 7 KM लंबी लगी गाड़ियों की लाइन

ओडिशा के बड़गड़ में टोकन देरी और धीमी खरीद प्रक्रिया से नाराज किसानों ने NH-53 जाम कर दिया. चार घंटे के आंदोलन के बाद प्रशासन के आश्वासन पर प्रदर्शन खत्म हुआ. किसानों ने प्रति क्विंटल एक किलो कटौती मान ली है और 20 दिसंबर तक सभी टोकन देने का वादा किया गया है.

Kisan India
नोएडा | Published: 10 Dec, 2025 | 11:39 AM

Odisha News: ओडिशा में धान खरीदी जारी है. इसी बीच बड़गड़ जिले के गोधभगा इलाके में किसान टोकन मिलने में देरी और धीमी खरीद प्रक्रिया से किसान नाराज हो गए. नाराज किसानो ने विरोध करते हुए NH-53 पर धान की बोरियां फैलाकर सड़क जाम कर दिया. सुबह करीब 11 बजे अधिकारियों और किसान नेताओं की बातचीत असफल होने के बाद किसानों ने हाईवे पर ही अपना धान उतार दिया और ट्रैक्टरों से रोड ब्लॉक कर दिया. किसानों का कहना है कि मंडियां ठीक से नहीं चल रही हैं और टोकन न मिलने से वे परेशान हैं. 28 नवंबर से खरीदी शुरू होने के बावजूद लगभग एक हफ्ते से धान खरीद ठप पड़ी है. किसानों ने कहा कि हमें टोकन नहीं मिले हैं. हमारा धान खुले में पड़ा है और हमें पता नहीं कि असली खरीद कब शुरू होगी.

रोड जाम के कारण भारी ट्रैफिक जाम लग गया और गोधभगा मंडी के पास वाले चौराहे से बड़गड़ और संबलपुर दोनों दिशाओं में करीब सात किलोमीटर तक वाहन फंसे रहे. पुलिस जब रास्ता खाली कराने पहुंची, तो किसानों ने हटने से इनकार कर दिया, जिससे हालात तनावपूर्ण  हो गए. स्थिति बिगड़ते देख बड़गड़ के सब-कलेक्टर प्रसन्ना कुमार पांडे और मुख्य नागरिक आपूर्ति अधिकारी बिभु प्रसन्ना आचार्य मौके पर पहुंचे और किसानों से बातचीत की. लगभग चार घंटे बाद किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया.

क्या बोले किसान नेता

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, किसान नेता बीरेन्द्र कर ने कहा कि प्रशासन द्वारा सभी समस्याओं के समाधान का आश्वासन देने के बाद आंदोलन खत्म कर दिया गया. उन्होंने कहा कि किसानों ने गुणवत्ता जांच के नाम पर प्रति क्विंटल सिर्फ एक किलो कटौती मान ली है. इससे ज्यादा नुकसान हम नहीं सहेंगे. प्रशासन ने इन शर्तों को स्वीकार कर लिया है.

धान खरीद प्रक्रिया 15 जनवरी तक खत्म हो जाएगी

सब-कलेक्टर पांडे ने खरीद में देरी की वजह धीमी लिफ्टिंग प्रक्रिया को बताया. उन्होंने कहा कि कई तकनीकी वजहों से इस बार धान खरीद  की रफ्तार कम हो गई है. पहले एक साथ टोकन भेजे जाते थे, लेकिन इस साल टोकन चरणों में जारी हो रहे हैं. फिर भी, हमने किसानों के साथ विस्तार से चर्चा की है और उनकी शर्तों पर सहमति बन गई है ताकि खरीद बिना परेशानी के हो सके. साथ ही कहा जा रहा है कि प्रशासन ने भरोसा दिया है कि 20 दिसंबर तक सभी किसानों को टोकन दे दिए जाएंगे और प्रति क्विंटल धान पर सिर्फ एक किलो की कटौती की जाएगी. पूरी धान खरीद प्रक्रिया 15 जनवरी तक खत्म कर ली जाएगी.

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