देशभर में जमकर हो रही मॉनसूनी बारिश के चलते खरीफ कई इलाकों में फसलों को नुकसान हो रहा है. धान, मक्का, सोयाबीन, मूंग और तिल समेत अन्य फसलों के बचाव के लिए राज्य के हिसाब से कृषि सलाह जारी की गई है. वहीं, पशुओं को संक्रामक बीमारियों और बारिश-वज्रपात से बचाने के लिए भी सचेत किया गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कृषि एडवाइजरी में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान से लेकर ओडिशा, पश्चिम बंगाल तक के किसानों को अलर्ट किया गया है.
राजस्थान में धान-मक्का को बारिश से बचाएं
भारत मौसम विज्ञान विभाग के कृषि परामर्श में पूर्वी राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी आर्द्र मैदानी क्षेत्र में धान की नर्सरी और मक्का, सोयाबीन, और उड़द के खेतों फसलों से अतिरिक्त पानी की उचित निकासी सुनिश्चित करने को कहा गया है. बाढ़ संभावित पूर्वी मैदानी क्षेत्र में बाजरा, तिल, उरद और सब्जियों के खेतों में जल निकासी प्रदान करें. दक्षिणी आर्द्र मैदानी क्षेत्र में सोयाबीन, मक्का, कपास और मूंगफली की बुवाई को स्थगित करें, और खड़ी फसलों से अतिरिक्त पानी की निकासी सुनिश्चित करें. उप-आर्द्र दक्षिणी मैदानी क्षेत्र में मक्का, सोयाबीन, मूंग, उड़द और मूंगफली की बुवाई को स्थगित करें. पश्चिमी राजस्थान में, मूंग, ग्वार, मोठ बीन्स, तिल आदि की बुवाई को स्थगित करें और लूनी बेसिन के संक्रमणीय मैदानी क्षेत्र में खरीफ फसलों से अतिरिक्त पानी की निकासी की व्यवस्था करें.
यूपी के किसान सब्जी फसलों की बुवाई न करें
उत्तर प्रदेश के पूर्वी मैदानी क्षेत्र में खड़ी फसलों और सब्जी की नर्सरियों, मध्य मैदानी क्षेत्र में धान, दालों (उड़द, अरहर आदि) और मूंगफली के खेतों तथा दक्षिण-पश्चिमी अर्ध-शुष्क क्षेत्र में धान, वसंतकालीन गन्ना, अरहर, मक्का और सब्जियों के खेतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें. चित्रकूट जिले में भारी वर्षा के दौरान तिल और बाजरा की बुवाई और सब्जियों (मिर्च, बैंगन, टमाटर, गोभी और करेला) की नर्सरी बुवाई से बचें.
पहाड़ों में फसलें गिरने से बचाने के उपाय करें किसान
हिमाचल प्रदेश के मध्य पर्वतीय उप- आर्द्र क्षेत्र में, खीरे की बेलों को सहारा दें और सब्जी व मक्के के खेतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें. उप-पर्वतीय और निम्न पर्वतीय उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में, जल जमाव से बचने के लिए मक्के के खेतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें. खीरे, ग्रीष्मकालीन स्क्वैश, करेला और लौकी में सहारा प्रदान करें. लंबी और फलीदार फसलों को सहारा (स्टेकिंग) प्रदान करें. वहीं, उत्तराखंड में, सोयाबीन, मक्का, बाजरा, रागी, अरहर, राजमा, सब्जियों और बागों में जल निकासी की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करें। पकी हुई सब्जियों और फलों की कटाई करें और सुरक्षित स्थान पर भंडारण करें।
मध्य प्रदेश में बारिश वाले इलाकों में बुवाई न करें किसान
मध्य प्रदेश के अत्यधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में ख़रीफ़ फसलों की बुआई स्थगित करें. काइमोर पठार और सतपुड़ा पर्वतीय क्षेत्र में धान की नर्सरियों और सोयाबीन, मक्का एवं सब्जियों के खेतों से तथा मध्य नर्मदा घाटी क्षेत्र में धान की नर्सरियों और गन्ने के खेतों से अतिरिक्त पानी की निकासी करें। सतपुड़ा पठार क्षेत्र में मक्का, सोयाबीन और सब्जियों, विंध्य पठार क्षेत्र में सोयाबीन और सब्जियों, मालवा पठार क्षेत्र में सोयाबीन और बाजरा तथा झाबुआ पर्वतीय क्षेत्र में सोयाबीन, मक्का, कपास और चना की फसलों में जल निकासी की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करें। मध्य नर्मदा घाटी क्षेत्र में भारी वर्षा बंद होने तक सोयाबीन और मक्का की फसल की बुवाई न करें.
छत्तीसगढ़ और झारखंड के लिए कृषि सलाह
छत्तीसगढ़ में धान के खेतों से अतिरिक्त पानी की निकासी की व्यवस्था करें. बागों और अन्य लंबी, कमज़ोर फसलों को गिरने या टूटने से बचाने के लिए खूंटियों या बांस से सहारा प्रदान करें. टमाटर, मिर्च, भिंडी, बैंगन, कद्दू, लौकी, मूली और फूलगोभी आदि और खरीफ सब्जियों की रोपाई स्थगित करें. उधर, झारखंड में मक्के के खेतों, धान और सब्जियों की नर्सरी से अतिरिक्त पानी निकालने के लिए आवश्यक व्यवस्था करें। सब्जी की नर्सरी को पॉलिथीन शीट से ढंक दें.
बंगाल और ओडिशा के लिए कृषि सलाह
गांगेय पश्चिम बंगाल के लहरदार लाल और लैटेराइट क्षेत्र और तटीय लवणीय क्षेत्र में धान की नर्सरी रोपाई और मूंगफली तथा सब्जियों की बुवाई स्थगित करें. खड़ी फसलों और सब्जियों में उचित जल निकासी सुनिश्चित करें.वहीं, ओडिशा में जलभराव को रोकने के लिए पहले से बोई गई धान की नर्सरी, मक्का और सब्जियों के खेतों से उचित जल निकासी सुनिश्चित करें. उत्तर मध्य पठारी क्षेत्र में धान की नर्सरियों, मक्का और सब्जियों की रोपाई स्थगित करें. उत्तर पश्चिमी पठारी क्षेत्र में धान की नर्सरियों, बाजरा, अरहर, मक्का, मूंगफली और सब्जियों की बुवाई स्थगित करें.
गन्ने को गिरने से बचाने के लिए ये उपाय करें
गुजरात क्षेत्र में किसान जलभराव को रोकने के लिए धान की नर्सरी, गन्ने के खेतों, केले और आम के बागानों से अतिरिक्त पानी निकाल दें. गन्ने को गिरने से बचाने के लिए मजबूत बांस का सहारा दें या पत्तियों को आपस में बांध दें. वहीं, तटीय कर्नाटक के तटीय क्षेत्र में धान की नर्सरियों, रोपे गए चावल के खेतों और सुपारी व नारियल के बागानों से तथा पहाड़ी क्षेत्र में धान की नर्सरियों, मक्का, कपास और अदरक के खेतों तथा सुपारी के बागानों से अतिरिक्त पानी की निकासी करें.
पशुपालकों-मछलीपालकों के लिए एडवाइजरी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने देशभर के पशुपालकों को सलाह जारी करते हुए कहा है कि भारी बारिश और खराब मौसम के दौरान पशुओं को शेड के अंदर रखें और उन्हें संतुलित आहार प्रदान करें. चारे को खराब होने से बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर रखें. गीला चारा पशुओं को न दें. मछलियों को बीमारियों से बचाने के लिए अतिरिक्त पानी को निकालने तालाब से निकाल दें. इसके लिए मछलीपालक तालाब के चारों ओर उचित जाल का इस्तेमाल करके एक आउटलेट बनाएं, जिससे अतिप्रवाह की स्थिति में मछलियों को बाहर निकलने से रोका जा सके.