जुलाई के मध्य तक देशभर में मानसून पूरी रफ्तार पकड़ चुका है. कहीं बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिली है, तो कहीं यही बारिश अब आफत बनती जा रही है. दिल्ली-एनसीआर से लेकर झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश और दक्षिण भारत के कई इलाकों में या तो बारिश हो रही है या फिर भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में बिजली चमकने, तेज हवाएं चलने और कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात बनने की आशंका जताई है. आइए जानते हैं देश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम का क्या है हाल और कहां हो सकती है ज्यादा बारिश.
दिल्ली‑एनसीआर में गरज के साथ हल्की बौछारों में राहत
दिल्ली और एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में इस समय मौसम ने थोड़ी राहत दी है. 15 जुलाई को आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे, बीच-बीच में हल्की बारिश या बूंदाबांदी होगी, साथ ही गरज और बिजली चमकने की संभावना बनी हुई है. अगले तीन दिनों तक यानी 16 से 18 जुलाई तक भी मौसम वैसा ही बना रहेगा. भारी बारिश के संकेत नहीं हैं, लेकिन गरज‑चमक और ठंडी बौछारों से गर्मी में कुछ सुकून जरूर मिलेगा.
यूपी के कई जिलों में झमाझम बारिश की संभावना
उत्तर प्रदेश में मानसून एक बार फिर जोर पकड़ चुका है. मौसम का मिजाज बदला-बदला नजर आ रहा है. खासतौर पर राज्य के पूर्वी हिस्सों में बादल जमकर बरसने वाले हैं. मौसम विभाग ने बताया है कि 15 जुलाई से लेकर 20 जुलाई तक पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश के आसार हैं. इस दौरान रुक-रुक कर तेज बारिश, गरज-चमक और तेज हवाएं चल सकती हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है.
मौसम विभाग के अनुसार, सोनभद्र से लेकर कुशीनगर तक यानी पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में आज यानी 15 जुलाई को पूरे दिन रुक-रुक कर बारिश होती रह सकती है. वहीं लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गाजीपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बलिया और देवरिया जैसे जिलों में भी गरज के साथ तेज बारिश और बिजली गिरने की आशंका जताई गई है. मौसम विभाग का कहना है कि 20 जुलाई तक मानसून की गतिविधियां तेज बनी रहेंगी.
मध्य प्रदेश के श्योपुर, गुना, मंडला व खरगोन बाढ़ जैसे हालात
मध्य प्रदेश में हालात चिंताजनक बने हुए हैं. श्योपुर, गुना, मंडला और खरगोन जैसे जिलों में मानसून की बारिश ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं. मौसम विभाग ने 19 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है क्योंकि हालिया बारिश ने नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया है, और कई ग्रामीण क्षेत्रों में पानी प्रवेश कर चुका है. विशेष रूप से श्योपुर के बड़ौदा में 174 मिमी बारिश, मुरैना के सबलगढ़ में 152 मिमी, देवास के खातेगांव और सतवास में क्रमशः 140 मिमी और 112 मिमी, रतलाम के पिपलोद में 108 मिमी, और बगली में 107 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है. इस भारी वर्षा के कारण गतिशीलता प्रभावित हो रही है, सड़कें भरी हैं, और प्रशासन सतर्क मोड में है.
पटना‑मुजफ्फरपुर को भी मिली राहत
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सोमवार रात हुई तेज बारिश ने गर्मी से राहत दी, जब लगभग आधे घंटे तक चलने वाली झमाझम बारिश ने तापमान घटा दिया और मौसम को सुहावना बना दिया. मौसम विज्ञान केंद्र पटना ने 15 जुलाई सुबह येलो अलर्ट जारी करते हुए अगले 24 घंटों में कई जिलों में भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी दी है. गया, नवादा, जमुई, शेखपुरा जैसे जिलों में अति भारी बारिश की आशंका जताई गई है. पटना, नालंदा, रोहतास, अरवल में गरज‑चमक और तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना बनी है. प्रशासन ने अपने स्तर पर सावधानी बढ़ाने, जल निकासी सुनिश्चित करने और नदियों के किनारे से दूरी बनाए रखने की सलाह दी है.
झारखंड में ऑरेंज अलर्ट
झारखंड में मानसून ने अपनी रफ्तार दिखाना शुरू कर दिया है. मौसम विभाग ने गढ़वा, पलामू, चतरा, लातेहार, कोडरमा और हजारीबाग जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. रांची, धनबाद, देवघर, दुमका, गिरिडीह आदि जिलों को येलो अलर्ट में रखा गया है, जहां तेज बारिश और वज्रपात की संभावना रिजर्व की गई है. 15 और 16 जुलाई को बारिश का सिलसिला और तेज हो सकता है, जिससे नदी नाले उफान पर आ सकते हैं और कटान क्षेत्र जोखिम में रह सकते हैं.
तमिलनाडु‑केरल‑कर्नाटक में बूंदाबांदी
दक्षिण भारत के कई राज्यों में मानसून ने वापसी की है और अब 15 से 20 जुलाई के बीच केरल, माहे, तमिलनाडु और कर्नाटक में निरंतर बारिश की चेतावनी है. विशेष रूप से तमिलनाडु में 15 से 19 जुलाई तक भारी से बहुत भारी बारिश संभव है, जिससे नदीयों का जलस्तर बढ़ सकता है, और शहरी एवं ग्रामीण जलभराव की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
इसके अलावा लक्षद्वीप (19‑20 जुलाई), तटीय आंध्र प्रदेश व यनम (18‑20 जुलाई), और रायलसीमा (18‑19 जुलाई) में भी तेज बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी है. बारिश से कुछ क्षेत्रों में मछली पालन, तटीय इलाकों की गतिशीलता और सिंचाई संरचनाओं पर असर पड़ सकता है, इसलिए स्थानीय प्रशासन सतर्क हैं.
उत्तर भारत के हिमालयी राज्यों में अलर्ट
उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में मानसून ने फिर अपना कब्जा बनाया है. 15 से 20 जुलाई के बीच हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार तेज बारिश बनी रहने की संभावना है.इसके अलावा 15‑17 जुलाई तक जम्मू‑कश्मीर और पश्चिमी राजस्थान में, तथा 16 जुलाई को पंजाब, 16‑20 जुलाई तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर भारी बारिश की संभावना बनी हुई है.
बात करें विशेष रूप से 15 जुलाई की, तो हिमाचल और उत्तराखंड में बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है. 16 जुलाई को पश्चिमी राजस्थान, और 17 जुलाई को पूर्वी उत्तर प्रदेश में बहुत भारी बारिश से भू-स्वरूप प्रभावित हो सकता है, जिससे भूस्खलन, सड़क अवरोध और जनजीवन प्रभावित हो सकता है. यह सिलसिला अगले सात दिनों तक पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों और मैदानी इलाकों में गरज‑चमक और हल्की से मध्यम बारिश का मार्गदर्शन करेगा. साथ ही, आंधी और बिजली गिरने की आशंका को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.