प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत फसलों का बीमा कराने के लिए किसानों से अपील की जा रही है. हिमाचल प्रदेश सरकार ने किसानों को मक्का, धान समेत अन्य खरीफ फसलों का बीमा कराने की सलाह दी है. किसानों से कहा गया है कि वे फसल नुकसान की भरपाई पाने के लिए इस योजना का लाभ जरूर उठाएं, ताकि बाद में पछताना न पडे़. बीते साल खरीफ सीजन में देशभर में करीब 9 करोड़ किसानों ने फसलों का बीमा करवाया था.
आलू, टमाटर और गोभी को भी योजना में शामिल किया गया
हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने कमर कस ली है. राज्य की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार कांगड़ा जिले की एडीएम शिल्पी वेक्टा ने कहा कि इस खरीफ सीजन के लिए धान एवं मक्की की फसलों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में तथा गोभी, आलू और टमाटर की फसलों को मौसम आधारित फसल बीमा योजना में शामिल किया गया है.
48 रुपये में फसलों का बीमा होगा
मक्का और धान के लिए क्षेमा जनरल इंश्योरेंस कंपनी तथा सब्जी फसलों के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड को बीमा के लिए नियुक्त किया गया है. शिल्पी वेक्टा ने बताया कि किसानों को केवल 48 रुपये प्रति कनाल प्रीमियम देकर 2400 रुपये प्रति कनाल तक का बीमा कवरेज मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल नुकसान की भरपाई के लिए एक प्रभावी सुरक्षा कवच प्रदान करती है.
4 हजार किसानों को मिला था 83 लाख रुपये मुआवजा
हिमाचल प्रदेश में किसानों को फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि 15 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष लगभग 4412 किसानों को 83.41 लाख रुपये का मुआवजा वितरित किया गया था तथा गेहूं की फसल के नुकसान का आंकलन कार्य भी प्रगति पर है. एडीएम ने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड धारक ऋणी किसानों का बीमा स्वतः किया जाएगा जब तक वे बैंक को लिखित रूप से मना न करें. गैर ऋणी किसान लोक मित्र केंद्र, बैंक शाखा, अधिकृत एजेंट या पोर्टल के माध्यम से अपना बीमा करवा सकते हैं.
60 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर तक मिलेगा मुआवजा
हिमाचल प्रदेश के नाहन के उप निदेशक कृषि सिरमौर राजकुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला सिरमौर के किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत मक्की और धान की फसलों का बीमा 15 जुलाई 2025 तक करवा सकते हैं. उन्होंने बताया कि मक्की और धान दोनों फसलों के लिए बीमित राशि 60 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर है जिसमें किसानों को बीमित राशि का मात्र 2 प्रतिशत प्रीमियम देना होगा, जबकि बाकी प्रीमियम राशि का भुगतान केन्द्र और राज्य सरकार भुगतान करेंगी.
इस तरह से नुकसान होने पर भरपाई होगी
उन्होंने कहा कि इन फसलों का बीमा करवा कर किसान फसलों की बुआई से लेकर कटाई तक, प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़, सैलाब, प्राकृतिक आग, भूमि कटाव आदि के जोखिम से फसलों को सुरक्षित कर सकते है. इसके अतिरिक्त फसल कटाई के उपरांत दो सप्ताह तक होने वाले नुकसान तथा स्थानीयकृत आपदाओं से होने वाले नुकसानों की भी भरपाई की जा सकती है.