अनानास उत्पादन में गिरावट से कीमतों में इजाफा, बढ़कर 62 रुपये किलो हुआ रेट

वाझाकुलम में अनानास की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची है, लेकिन उत्पादन गिरने से किसान परेशान हैं. आपूर्ति घटकर आधी रह गई है. समुद्री निर्यात के प्रयास जारी हैं. रामबूटान की शेल्फ लाइफ कम होने से किसान नए बाजारों की तलाश में हैं.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 22 Jun, 2025 | 12:09 PM

केरल के वाझाकुलम में अनानास की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है, लेकिन किसान खुश नहीं हैं. क्योंकि इस बार उत्पादन में भारी गिरावट आई है. इसके चलते कीमतें बढ़ गई हैं. पिछले हफ्ते जो अनानास 55 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा था, अब उसका रेट बढ़कर 62 रुपये प्रति किलो हो गया है. वहीं, उत्पादन में गिरावट आने से अनानास की सप्लाई भी प्रभावित हुई है. भारी डिमांड के बावजूद वाझाकुलम की मंडी अब जरूरत की आधी मात्रा भी उत्तर भारत में अनानास नहीं भेज पा रही है.

ऑल केरल अनानास किसान संघ के अध्यक्ष जेम्स जॉर्ज ने कहा कि यहां से रोज 1,500 से 2,000 टन अनानास देशभर में भेजे जाते हैं, लेकिन अब यह घटकर 700 टन रह गया है. उन्होंने कहा कि पिछले साल गर्मी अधिक थी, इसलिए किसानों ने पौधों में फूल आने की प्रक्रिया को जानबूझकर देर से शुरू किया, ताकि पूरी फसल खराब होने से बच सके. उन्होंने कहा कि फूल आने के करीब 120 दिन बाद फल तैयार होता है. उन्होंने कहा कि अगले 30 दिनों में उत्पादन सामान्य हो सकता है. मॉनसून के कारण थोड़े समय के लिए मांग घटेगी, लेकिन अगस्त में फिर से बढ़ने की उम्मीद है.

यूरोप और खाड़ी देशों में बहुत है मांग

APEDA (एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने किसानों को समुद्र मार्ग से अनानास निर्यात में मदद के लिए कदम उठाए हैं, क्योंकि हवाई मालभाड़ा बहुत महंगा है. वाझाकुलम के मीठे और रसीले अनानास की खाड़ी देशों और यूरोप में मांग है, लेकिन ऊंचा भाड़ा एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. वाझाकुलम के अनानास रिसर्च स्टेशन ने समुद्री परिवहन के लिए एक खास प्रोटोकॉल विकसित किया है, जिसकी फील्ड टेस्टिंग जल्द शुरू होगी.

जहाज से 23 दिन में इंग्लैंड पहुंचते हैं उत्पाद

इस बीच, वाझाकुलम की एक निजी कंपनी ने इस साल दुबई को 6 खेपें भेजी हैं. हर खेप में 16 टन अनानास रेफर कंटेनरों में तय तापमान पर भेजे गए हैं. अनानास की खेप दुबई आठवें दिन पहुंचती है और वहां से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. माना पाइनएपल्स के मैनेजिंग पार्टनर सिबी जॉर्ज ने कहा कि यूरोप से भी काफी डिमांड आ रही है, लेकिन वहां भेजना मुश्किल है, क्योंकि इंग्लैंड पहुंचने में जहाज को 23 दिन लगते हैं. उन्होंने कहा कि हमें यह भी देखना होता है कि जिस देश में फल भेज रहे हैं, वहां का मौसम कैसा है, ताकि फल की शेल्फ लाइफ (खपत लायक बने रहने की अवधि) बनी रहे.

 

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 22 Jun, 2025 | 12:07 PM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%