दूध दोगुना, खर्च आधा! पशुओं के लिए अमृत से कम नहीं ये काली घास, किसानों की बनी फेवरेट

Dairy Farming Tips: गांवों में पशुपालन करने वाले किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या होती है हरे चारे की. बरसात में तो घास मिल जाती है, लेकिन गर्मी और सर्दी में सिर्फ सूखा भूसा ही सहारा बनता है. यही वजह है कि दूध कम हो जाता है और पशुओं की सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है. लेकिन अब किसानों के लिए एक ऐसा विकल्प सामने आया है, जो सालभर पौष्टिक चारा देगा, दूध उत्पादन बढ़ाएगा और साथ ही अतिरिक्त कमाई का मौका भी देगा. आइए इस खबर में इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

नोएडा | Published: 12 Sep, 2025 | 04:10 PM
1 / 6दरअसल, हम बात कर रहे हैं काली नेपियर घास (Black Napier Grass) की. इसकी रोपाई भी बेहद आसान होती है. कटिंग या जड़ वाले टुकड़ों से इसे खेत में लगाया जा सकता है और इसकी लागत अन्य चारा फसलों की तुलना में काफी कम आती है.

दरअसल, हम बात कर रहे हैं काली नेपियर घास (Black Napier Grass) की. इसकी रोपाई भी बेहद आसान होती है. कटिंग या जड़ वाले टुकड़ों से इसे खेत में लगाया जा सकता है और इसकी लागत अन्य चारा फसलों की तुलना में काफी कम आती है.

2 / 6यह घास सामान्य जमीन पर भी उगाई जा सकती है. खासकर जहां पानी की निकासी अच्छी हो, वहां इसका उत्पादन और भी बेहतर होता है. किसान इसे मेड़, खेत की खाली जगह या यहां तक कि गमलों में भी लगा सकते हैं.

यह घास सामान्य जमीन पर भी उगाई जा सकती है. खासकर जहां पानी की निकासी अच्छी हो, वहां इसका उत्पादन और भी बेहतर होता है. किसान इसे मेड़, खेत की खाली जगह या यहां तक कि गमलों में भी लगा सकते हैं.

3 / 6एक हेक्टेयर में सालभर 300–400 क्विंटल तक हरा चारा मिलता है. हर 45–50 दिन में कटाई की जा सकती है और पौधे तुरंत फिर से बढ़ जाते हैं, जिससे पशुओं को लगातार चारा मिलता है.

एक हेक्टेयर में सालभर 300–400 क्विंटल तक हरा चारा मिलता है. हर 45–50 दिन में कटाई की जा सकती है और पौधे तुरंत फिर से बढ़ जाते हैं, जिससे पशुओं को लगातार चारा मिलता है.

4 / 6कम पशु पालने वाले किसान भी फायदा ले सकते हैं. अपनी जरूरत पूरी करने के बाद बचा हुआ चारा बाजार में बेचकर सालाना 50 हजार से 1 लाख तक की अतिरिक्त कमाई संभव है.

कम पशु पालने वाले किसान भी फायदा ले सकते हैं. अपनी जरूरत पूरी करने के बाद बचा हुआ चारा बाजार में बेचकर सालाना 50 हजार से 1 लाख तक की अतिरिक्त कमाई संभव है.

5 / 6इस घास में प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है. इसे खाने से पशुओं की सेहत सुधरती है, वे ऊर्जावान रहते हैं और दूध उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है.

इस घास में प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है. इसे खाने से पशुओं की सेहत सुधरती है, वे ऊर्जावान रहते हैं और दूध उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है.

6 / 6नेपियर घास में कीट और फफूंदी का खतरा नहीं होता. एक बार लगाने पर यह 5–6 साल तक उत्पादन देती है. साथ ही, इसकी नरम और स्वादिष्ट बनावट के कारण पशु इसे आसानी से पचा लेते हैं.

नेपियर घास में कीट और फफूंदी का खतरा नहीं होता. एक बार लगाने पर यह 5–6 साल तक उत्पादन देती है. साथ ही, इसकी नरम और स्वादिष्ट बनावट के कारण पशु इसे आसानी से पचा लेते हैं.

Published: 12 Sep, 2025 | 04:10 PM