प्राकृतिक खाद से उगे अनाज का ज्यादा भाव देने की घोषणा, 17 हजार नई दुग्ध समितियां बनेंगी

प्राकृतिक खाद से उगाए गए अनाज का ज्यादा भाव देने की घोषणा की है. राज्य सरकार किसानों को रसायन मुक्त प्राकृतिक और जैविक खाद उपलब्ध करा रही है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Published: 22 Jun, 2025 | 06:02 PM

मध्य प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खाद से उगाए गए अनाज का ज्यादा भाव देने की घोषणा की है. राज्य सरकार किसानों को रसायन मुक्त प्राकृतिक और जैविक खाद उपलब्ध करा रही है. बता दें कि हिमाचल सरकार समेत कुछ राज्यों की सरकार जैविक और प्राकृतिक तरीके से खेती करने वाले किसानों को एमएसपी से अधिक दाम दे रही हैं. वहीं, मध्य प्रदेश सरकार ने पशुपालकों को आय बढ़ाने के लिए और दूध का सही दाम दिलाने के लिए दुग्ध समितियों की संख्या बढ़ाने का ऐलान किया गया है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि 17 हजार नई दुग्ध समितियां बनेंगी. वर्तमान में 9 हजार समतियां राज्य में सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को देश की डेयरी केपिटल बनाएंगे.

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश को देश की डेयरी केपिटल बनाएंगे. पशुपालन एवं डेयरी विभाग का नाम पशुपालन, डेयरी और गौपालन विभाग होगा. राज्य स्तरीय गौशाला सम्मेलन में उन्होंने गौ-शालाओं को 90 करोड़ रुपए की अनुदान राशि सिंगल क्लिक के जरिए जारी की. उन्होंने भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना के 3 लाभार्थियों को ऋण स्वीकृति आदेश भी दिए.

पशुपालन विभाग का बजट 2600 करोड़ किया

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश को देश की दुग्ध राजधानी बनाना है, राज्य शासन द्वारा इसके लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं. वर्ष 2002-03 तक पशुपालन विभाग का बजट सिर्फ 300 करोड़ था, जो बढ़कर अब 2600 करोड़ हो गया है. किसी समय प्रदेश में फैट मात्रा के अनुसार दूध खरीदने की व्यवस्था लागू की गई थी. राज्य सरकार ने अमृत समान गौ-माता का दूध खरीदने का निर्णय लिया है, ताकि गौ-पालकों तक लाभ पहुंचे. मुख्यमंत्री ने कहा कि गाय का दूध सम्पूर्ण आहार है. राज्य में हाईटैक गौशालाएं संचालित हो रही हैं. राज्य सरकार ने गौशाला संचालन के लिए अनुदान राशि 20 रुपए से बढ़कर 40 रुपए प्रति गाय प्रतिदिन की गई है.

दूध समितियां 9 हजार से बढ़ाकर 26 हजार होगी

राज्य सरकार ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड से अनुबंध किया है. प्रदेश का दूध उत्पादन पांच गुना करने का लक्ष्य है. वर्तमान में प्रदेश में साढ़े पांच करोड़ लीटर दूध उत्पादित होता है और इसमें से लगभग आधा घरेलू उपयोग और शेष मार्केट तक पहुंचता है. फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित कर प्रदेश में दुग्ध से समृद्धि के लिए नई योजनाएं बना रहे हैं. दुग्ध उत्पादन और संकलन के कार्य को व्यवस्थित बनाने के लिए समितियों की संख्या भी 9 हजार से बढ़कर 26 हजार करने का संकल्प है. इस हिसाब से करीब 17 हजार नई दुग्ध उत्पादन समितियां बनाई जाएंगी.

बड़ी गौशाला खोलने के लिए सरकार देगी 125 एकड़ जमीन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि माता को सम्मान देते हुए इस विभाग के माध्यम से कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जाएंगी. डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना में गाय के पालन के लिए अनुदान दिया जा रहा है. बड़ी गौशाला खोलने के लिए राज्य सरकार 125 एकड़ जमीन प्रदान करेगी. वर्तमान बजट में इसके लिए प्रावधान भी किया गया है. अगले तीन साल में गौ-पालन के क्षेत्र में प्रदेश का परिदृश्य बदलेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 7 गौ-शालाएं पुरस्कृत हुई हैं और गौ सेवी भी सम्मानित हुए हैं. यह भोपाल, दमोह, अनूपपुर, रायसेन, छिंदवाड़ा, हरदा और विदिशा जिलों के हैं. कार्यक्रम में 73 गौशालाओं को पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रदान किए गए.

प्राकृतिक खाद से उगे अनाज का ज्यादा भाव देगी सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खाद से उगे अनाज का ज्यादा भाव सरकार देगी. गाय के गोबर से किसान खाद बनाएं, सरकार प्राकृतिक खाद से उत्पादित अनाज का ज्यादा कीमत पर खरीदेगी. वर्तमान में इंदौर, देवास, रीवा एवं कुछ अन्य जिलों में गौ-शालाओं के माध्यम से सीएनजी गैस का उत्पादन किया जा रहा है. किसानों को रसायन मुक्त प्राकृतिक और जैविक खाद उपलब्ध हो रही है. बता दें कि वर्तमान में हिमाचल सरकार प्राकृतिक और जैविक तरीके से खेती करने वाले किसानों से एमएसपी से ज्यादा कीमत पर उपज खरीती है.

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