गन्ना की खेती को मॉडर्न बना रहे 16 साल के यश, 101 प्रोजेक्ट से किसानों का 18 फीसदी बढ़ाया उत्पादन

यश अपने प्रोजेक्ट 101 के जरिए गन्ना की खेती के विकास पर काम कर रहे हैं. वह कहते हैं कि भारत के गन्ना किसानों को बढ़ती चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 19 May, 2025 | 05:48 PM

गन्ना की खेती में उत्पादन की मात्रा को बढ़ाने के लिए बीज के अंकुरण से लेकर सिंचाई और कटाई तक कई पहलुओं पर ध्यान देने की जरूरत होती है. लेकिन, किसान इन पहलुओं पर ध्यान नहीं दे पाते हैं. इससे उन्हें लागत तो ज्यादा पड़ती है, लेकिन उपज मनमाफिक नहीं मिल पाती है. उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों की इस समस्या को दूर कर रहे हैं 16 साल के यश साहनी (Yash Sawhney). वह यूनाइटेड किंगडम के विनचेस्टर कॉलेज के छात्र हैं और 101 प्रोजेक्ट के संस्थापक हैं. इस प्रोजेक्ट के जरिए वह यूपी के गन्ना किसानों की उपज, कमाई और क्वालिटी को बेहतर कर रहे हैं. उनकी तकनीक आधारित मदद के जरिए 100 से ज्यादा किसानों को लाभ मिल रहा है. उत्पादन में 18 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है तो वहीं अंकुरण दर 60 फसीदी से बढ़कर 90 फीसदी पहुंच गई है.

दिल्ली के रहने वाले 16 वर्षीय छात्र यश साहनी इंग्लैंड विनचेस्टर कॉलेज में पढ़ाई करने वाले एक सौ एक (प्रोजेक्ट 101) के संस्थापक हैं. वह उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के साथ मिलकर मॉडर्न, विज्ञान आधारित तरीकों से फसल की पैदावार बढ़ाने और लागत घटाने में मदद कर रहे है. वह अपने अकादमिक शोध को जमीनी स्तर की कार्रवाई से जोड़कर टिकाऊ खेती पर रिसर्च पेपर भी लिख रहे हैं. इसके अलावा वह द माइंडफुल मंचर नामक पॉडकास्ट के होस्ट भी हैं, जिसमें फूड, न्यूट्रीशन और इकोसिस्टम में संतुलन के पीछे के विज्ञान पर पर बात करते हैं.

क्या है 101 प्रोजेक्ट

यश अपने प्रोजेक्ट 101 के जरिए गन्ना की खेती के विकास पर काम कर रहे हैं. वह कहते हैं कि भारत के गन्ना किसानों को बढ़ती चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. पारंपरिक खेती के तरीकों के चलते पैदावार में कमी, पानी की कमी और मिट्टी का क्षरण बड़ी मुसीबत बन रहा है. वह अपने प्रोजेक्ट के जरिए उत्तर प्रदेश के किसानों को टिकाऊ, लागत प्रभावी तरीकों की ओर बढ़ने में मदद कर कर रहे हैं. इसके तहत ट्रेंच प्लांटिंग, पानी की बचत करने वाली सिंचाई, फ़रो सिंचाई, बायो कम्पोस्ट और सिंगल बड सीड प्लांटिंग जैसी आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल पर जोर दे रहे हैं. इससे 100 से अधिक किसानों को लागत में कटौती करते हुए टिकाऊ, ज्यादा उपज में मदद मिली है.

तकनीक से उत्पादन में बढ़त

ट्रेंच प्लांटिंग के जरिए गन्ने की उपज में 15-18 फीसदी की बढ़त हुई है. अतिरिक्त आय के लिए मिश्रित फसल को भी बढ़ावा दिया गया है. जबकि, फरो सिंचाई तकनीक के जरिए पानी के इस्तेमाल में 30 फीसदी की कमी आई है. ड्रोन छिड़काव तकनीक के जरिए सूक्ष्म पोषक तत्वों के सटीक छिड़काव में मदद मिली है. मजदूरी लागत घटी है. प्रोजेक्ट के तहत 40-78 फीसदी अधिक गन्ने की पैदावार और 40-60 फीसदी अधिक आय देखने को मिली है.

Yash Sawhney

Yash Sawhney

बीज अंकुरण की दर 90 फीसदी

एक कली रोपण के जरिए बीज लागत पर 62 फीसदी कम हुई है. अंकुरण दर में 90 फीसदी तक का सुधार हुआ है. जबकि, पारंपरिक रूप से 60-80 फीसदी अंकुरण देखा जाता है. कार्बनिक कार्बन के स्तर को 0.50% बढ़ाकर रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम की गई है. इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में भी मदद मिली है.

100 से ज्यादा किसानों को मिला लाभ

इस पहल ने 100 से अधिक किसानों को सरकारी सब्सिडी, वित्तीय सहायता और स्वास्थ्य सेवा लाभों तक पहुंचने में मदद की है. डिजिटल रूप से सक्षम योजना कार्ड के जरिए किसान सामाजिक सुरक्षा, कल्याणकारी योजनाओं और महत्वपूर्ण वित्तीय सेवाओं के लिए अपनी पात्रता आसानी से जांच कर सकते हैं.

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Published: 19 May, 2025 | 05:34 PM

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