बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है. सुबह के 10 बजते ही गर्म हवाओं का दौर शुरू हो जाता है. इससे इंसान के साथ-साथ पशु-पक्षी भी परेशान हैं. लेकिन सबसे ज्यादा समस्याएं मुर्गियों के साथ हो रही हैं. अधिक गर्मी की वजह से मुर्गियां तनाव में आ गई हैं. ऐसे में उनका खाना-पीना भी कम हो गया है, जिससे उनकी ग्रोथ धीमी हो गई है. लेकिन मुर्गी पालक किसानों की चिंता करने की जरूरत नहीं है. वे कुछ देसी टिप्स अपनाकर मुर्गियों को गर्मी में होने वाले स्ट्रेस से बचा सकते हैं.
एक्सपर्ट के मुताबिक, गर्मी बढ़ने पर मुर्गियां स्ट्रेस में आ जाती हैं. इससे अंडा देने की क्षमता भी कम हो जाती है और उनकी मृत्यु दर बढ़ जाती है. साथ ही गर्मी के मौसम में मुर्गियों के अंडे का आकार भी छोटा हो जाता है और उनके ऊपर का कवच भी कमजोर हो जाता है. ऐसे में मुर्गी पालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.
लकवा लगने की संभावना बढ़ जाती है
दरअसल, जब कमरे से बाहर का तापमान 39 डिग्री से अधिक हो जाता है, तो मुर्गियों को दिक्कतें होने लगती हैं. वे मुंह खोलकर हांफने लगती हैं. कई बार तो मुर्गियां कमजोरी से लड़खड़ाने लगती हैं. ऐसे में उन्हें लकवा लगने की संभावना बढ़ जाती है और अंत में मौत तक हो जाती है.
बाड़े में करें ठंडे पानी का छिड़काव
इसलिए मुर्गियों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए बाड़े में ठंडे पानी का छिड़काव करते रहें. साथ ही मुर्गियों के बाड़े में आप कूलर भी लगा सकते हैं. इससे उन्हें गर्मी से राहत मिलेगी. इसके अलावा आप मुर्गियों को चिल्ड वाटर पीने के लिए दे सकते हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक, गर्मी के मौसम में मुर्गियां खाना कम कर देती हैं. इसलिए उन्हें इस तरह के आहार दें, जिसमें प्रोटीन, मिनरल और विटामिन की प्रचूर मात्रा हो. ताकि कम खाने के बावजूद भी मुर्गियों के शरीर को प्रयाप्त मात्रा में पोषक तत्व मिल सके.
बाड़े की छत को सफेद रंग से पेंट करें
अगर मुर्गियों के अंडे का छिलका पतला हो गया है, तो उन्हें कैल्शियम की मात्रा बढ़ा दें. इसके लिए मुर्गियों को पानी में मिलाकर ऑस्टो कैल्शियम लिक्विड दे सकते हैं. वहीं, गर्मी के मौसम में पानी की खपत ज्यादा हो जाती है. इसलिए मुर्गियों के बाड़े में ज्यादा से ज्यादा ठंडा पानी रखें. खास बात यह है कि पानी के बर्तन भी मिट्टी के होने चाहिए. क्योंकि इससे पानी ठंडा रहता है. साथ ही मुर्गियों के बाड़े की छत को सफेद रंग से पेंट भी कर सकते हैं, ताकि सूर्य की रोशनी टकराने के बाद वापस लौट जाए. इससे बाड़े में तापमान कम रहेगा.